मोहर्रम के दिन डीएम-एसपी ने की कदमताल, गलियों में भी साथ-साथ घूमे
कानून व्यवस्था को ठीक रखने की अपील
शांतिपूर्ण माहौल में मोहर्रम का पर्व मनाने की सलाह
सकुशल संपन्न हो गया मोहर्रम का त्योहार
चंदौली जिले के जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुण्डे व पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे द्वारा बुद्धवार को मुहर्रम पर्व के अवसर पर कानून व्यवस्था को ठीक रखने व शांतिपूर्ण माहौल में मोहर्रम का पर्व मनाने को लेकर सड़कों घूमते दिखे। दोनों अफसर जनपद की संवेदनशील मस्जिदों, कब्रिस्तानों तथा मंदिर स्थलों पर मय पुलिस फोर्स के साथ भ्रमण किया।
स्थानीय क्षेत्रों में पैदल गश्त एवम् फ्लैग मार्च करके शांति व्यवस्था सुनिश्चित करने की कोशिश की गयी थी। पैदल गश्त के दौरान पुलिस बल द्वारा जनपद में पड़ने वाले प्रमुख ईदगाहों एवम् मस्जिदों तथा मिश्रित आबादी वाले इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था एवं तैयारियों का जायजा लिया गया। इसके साथ ही सर्वसमुदाय के धर्मगुरुओं, आम जनमानस एवं व्यापारियों तथा सम्भ्रान्त व्यक्तियों से वार्ता की गयी तथा मुहर्रम त्यौहार को शान्ति एवं सौहार्दपूर्ण माहौल में सम्पन्न कराने के दृष्टिगत पुलिस व प्रशासन का सहयोग करने की अपील की गयी।
इसके साथ ही शान्ति एवं सुरक्षा व्यवस्था तथा त्यौहार के दृष्टिगत स्थानीय पुलिस बल द्वारा निरन्तर भ्रमणशील रहकर मुहर्रम त्यौहार को सकुशल सम्पन्न कराया जाने का निर्देश दिया गया । इस दौरान आम जनमानस को सुरक्षा का एहसास दिलाते हुए उन्हें आश्वस्त किया गया कि पुलिस बल त्यौहार को सकुशल सम्पन्न कराने तथा आम जनमानस की सुरक्षा हेतु पूर्णतः प्रतिबद्ध है।
जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुण्डे ने सभी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी लगातार अपने क्षेत्र में सायरन बजाकर भ्रमणशील रहे। कहीं से किसी प्रकार की अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली।
पुलिस अधीक्षक आदित्य लांग्हे ने कहा कि सभी जुलूस संचालकों की विशेष जिम्मेवारी होगी कि किसी प्रकार के दूसरे धार्मिक भावनाओं को ठेस न पहुंचे। जुलूस में विवादित झंडा, बैनर, बोर्ड आदि का प्रदर्शन हरगिज न करें। इसके अलावा जिला प्रशासन द्वारा सोशल मीडिया के माध्यम से गलत अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही साथ चिह्नित लोगों पर भी कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जुलूस वापसी के समय विशेष चौकसी बरती जा रही थी। छेड़खानी करने वालों तथा फब्ती कसने वालों को चिह्नित कर कड़ी कार्रवाई की जाने के निर्देश थे।