डीएम-एसपी गांव के ग्राम प्रधानों से मांग रहे मदद, युवाओं पर नजर रखने की दे रहे हैं नसीहत
 

ग्राम पंचायत के प्रधानों के साथ पुलिस क्षेत्राधिकारी कार्यालय अलीनगर पर बैठक कर योजना के विषय में विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। साथ ही सकलडीहा व चंदौली सदर तहसील इलाके के थानों में भी बैठकें करके लोगों को समझाने की कोशिश की गयी। 
 

अग्निपथ योजना के विरोध में लिखित शिकायत करें, धरना प्रदर्शन से बचें युवा, ऐसी हरकत करने वालों के बारे में पुलिस को दें सूचना

 

 चंदौली जिले में सेना भर्ती हेतु सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर असामाजिक तत्वों व कुछ गुमराह नौजवानों द्वारा विरोध को लेकर उपद्रव, हिंसा पर अंकुश लगाने, शांति व्यवस्था स्थापित रहने के दृष्टिकोण से जिलाधिकारी संजीव सिंह व पुलिस अधीक्षक अंकुर अग्रवाल द्वारा थाना अलीनगर के अंतर्गत पड़ने वाले ग्राम पंचायत के प्रधानों के साथ पुलिस क्षेत्राधिकारी कार्यालय अलीनगर पर बैठक कर योजना के विषय में विस्तृत रूप से अवगत कराया गया। साथ ही सकलडीहा व चंदौली सदर तहसील इलाके के थानों में भी बैठकें करके लोगों को समझाने की कोशिश की गयी। 

इस मौके पर दोनों अधिकारियों के द्वारा अपील की गई कि प्रधानगण अपने अपने ग्राम पंचायतों में युवकों का अनावश्यक जमावड़ा न होने दें। ग्राम पंचायतों में सेना भर्ती के अग्निपथ योजना के संबंध में युवक यदि भ्रमित हों तो उन्हें समझाने का प्रयास किया जाए। इसके बावजूद यदि ग्राम पंचायत के या बाहरी अराजक तत्वों की जानकारी प्राप्त होती है, तो उसकी सूचना तत्काल बीडीओ, उप जिलाधिकारी, पुलिस क्षेत्राधिकारी, संबंधित थानाध्यक्ष, पुलिस अधीक्षक या जिलाधिकारी के संज्ञान में लायी जाए।

जिलाधिकारी ने कहा कि ऐसी सूचना देने वाले का नाम एवं पता गोपनीय रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि जहां पर अधिक संख्या में युवक  भर्ती ,खेलकूद आदि की तैयारी करते हैं, वहां पर जरूर सतर्क दृष्टि रखी जाए। उन्हें सेना भर्ती के नियमों के विषय में समझाया जाय। 

साथ ही कहा कि अगर सेना भर्ती के नए नियमों से यदि  युवक असहमत हो तो लिखित रूप से प्रशासन को अवगत कराएं। उपद्रव या हिंसा का सहारा कतई न लें।

इसी तरह थाना सैयदराजा एवं कोतवाली चंदौली में अपर जिलाधिकारी वित्त  व राजस्व एवं उप जिलाधिकारी सदर द्वारा संबंधित क्षेत्र के ग्राम पंचायत प्रधानों के साथ बैठक कर सेना भर्ती के अग्निपथ योजना के विषय में विस्तृत रूप से समझाया गया। अधिकारियों ने प्रधानों से कहा कि सेना में भर्ती होने वाले गुमराह युवकों को योजना की अच्छाइयों के विषय में समझाएं। यदि युवक असहमत हैं तो लिखित रूप से प्रशासन को अवगत कराएं। जानबूझकर उपद्रव या हिंसा का सहारा नहीं लें।