सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए गंभीर नहीं है डबल इंजन सरकार, गंगा में गिरता है तीन करोड़ लीटर सीवेज
 

चंदौली जिले के आला अधिकारी सड़क व हाइवे निर्माण के लिए जमीन के अधिग्रहण पर खूब जोर देते हैं, लेकिन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए अभी तक जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाया है
 

एसटीपी के निर्माण की योजना पर ग्रहण

योजना बनाकर 4 साल से हो रहा इंतजार

अभी तक नही मिला भूमि अधिग्रहण के लिए बजट 

 

चंदौली जिले के आला अधिकारी सड़क व हाइवे निर्माण के लिए जमीन के अधिग्रहण पर खूब जोर देते हैं, लेकिन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट के लिए अभी तक जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाया है, प्रतिदिन 30 एलएलडी यानी तीन करोड़ लीटर सीवेज नालों के जरिये सीधे गंगा में गिर रहा है। इससे गंगा की सफाई पर भी सवाल उठ रहा है।


मुगलसराय व आसपास के नालों के पानी को गंगा में गिरने से रोकने के लिए 276 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) के लिए अभी तक जमीन का अधिग्रहण नहीं हो पाया है। करीब चार साल पहले राजस्व विभाग ने रौना गांव में जमीन चिह्नित की थी।

आपको बता दें कि पं. दीनदयाल उपाध्याय नगर से प्रतिदिन 30 एलएलडी यानी तीन करोड़ लीटर सीवेज नालों के जरिये सीधे गंगा में गिर रहा है। इस समस्या के निदान के लिए वर्ष 2020 में 276 करोड़ रुपये की लागत से 37 एमएलडी क्षमता के एसटीपी के निर्माण की योजना तैयार की गई थी। इसके लिए गंगा किनारे स्थित रौना गांव में जमीन चिह्नित की गई थी। चार साल बीतने के बाद भी जमीन का अधिग्रहण नहीं किया गया, जिससे एसटीपी पर ग्रहण लग गया। 

अधिकारियों का कहना है कि शासन से बजट मिलने के बाद एसटीपी की कार्ययोजना आगे बढ़ाई जाएगी। वहीं इस सम्बंध में जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे का कहना है कि रौना गांव में भूमि अधिग्रहण के लिए 3.57 करोड़ का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था। बजट मिलते ही अधिग्रहण की कार्रवाई पूरी की जाएगी।