डॉ. उर्मिला सिंह की मनमानी जारी, नहीं दे रही हैं CMS को नोडल प्रिंसिपल का चार्ज 
 

बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कॉलेज चंदौली के नोडल अफसर का चार्ज भूतपूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा जबरन अपने पास रखा गया है।
 

बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कॉलेज ले रखा है चार्ज

मुख्यमंत्री के दौरे का भी नहीं है डर

जिलाधिकारी समेत तमाम अफसर साधे हैं चुप्पी

आखिर किसका है उनके ऊपर संरक्षण

चंदौली जिले के बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कॉलेज चंदौली के नोडल अफसर का चार्ज भूतपूर्व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक द्वारा जबरन अपने पास रखा गया है। विभाग के आला अधिकारियों की शह पर वह मेडिकल कॉलेज के नोडल का चार्ज नए सीएमएस को न देकर कार्यों में बाधा डालने की कोशिश कर रही हैं। 

बता दें कि नोडल प्रिंसिपल के पद पर तैनात  डॉक्टर उर्मिला सिंह के 62 वर्ष पूर्ण करने के बाद उनके प्रशासनिक एवं वित्तीय कार्य करने पर शासनादेश के अनुसार रोक लगा दी गई है। अक्टूबर 2023 के आदेश के अनुसार उन्होंने मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद का कार्यभार 2 फरवरी को नए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सत्य प्रकाश को दे दिया, लेकिन अभी भी  मेडिकल कॉलेज के नोडल प्रिंसिपल का कार्यभार अपने पास रखा है। वह उस चार्ज को किसी अन्य को न देना चाह रही हैं, जिसके कारण कार्य प्रभावित हो रहा है।


 
 9 मार्च को बाबा कीनाराम स्वशासी मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करने के लिए मुख्यमंत्री खुद ही आ रहे हैं।  इसके बावजूद भी चार्ज लेने के लिए  वर्तमान चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर सत्य प्रकाश द्वारा विभाग की उच्च अधिकारियों तक पत्राचार किया जा चुका है, जबकि भूतपूर्व चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर उर्मिला सिंह उच्च अधिकारियों के मौखिक आदेश का हवाला देकर चार्ज देने में आनाकानी कर रही हैं। 

 

 शासन द्वारा उनकी  तैनाती चकिया जिला संयुक्त चिकित्सालय में  परामर्शदाता के पद पर कर दिया है। वहां का कार्यभार ग्रहण करने के बाद भी अब तक नोडल प्रिंसिपल का चार्ज अपने पास ही रखी हुई हैं। इसके कारण मेडिकल कॉलेज के चिकित्सा शिक्षा से संबंधित अध्यापकों एवं कर्मचारियों की तैनाती  की प्रक्रिया  सहित अन्य कार्य बाधित हो रहे हैं।

 

 मुख्यमंत्री के आगमन को देखते हुऐ मेडिकल कालेज के कार्यों का सुपरविजन करने के लिए गाजीपुर के मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल को वर्तमान मुख्य अधीक्षक के साथ लगाए गए हैं।

अब देखना कि मुख्यमंत्री के जाने के बाद वर्तमान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को नोडल प्रिंसिपल बनाया जाता है या शासन द्वारा  प्रिंसिपल की नियुक्ति की जाती है।