जांच और गलत रिपोर्ट के नाम पर ग्राम प्रधानों से वसूली, दुलहीपुर का ऑडियो खोल रहा है पोल
चंदौली जिले में हो रही है खुलेआम वसूली
ग्राम प्रधानों को दी जाती है धमकी
अब क्या इमानदारी से कार्रवाई करेंगे डीएम साहब
चंदौली जिले में सोशल मीडिया पर बृहस्पतिवार को दुलहीपुर ग्राम प्रधान और सोशल ऑडिटर की एक ऑडियो वायरल हो रहा है, जिसमें पैसे की मांग की जा रही है। ऐसी बातों के उजागर होने के बाद जिले में ग्राम प्रधानों से वसूली का मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। वायरल ऑडियो में सोशल ऑडिटर की ओर से ग्राम प्रधान से 5 हजार रुपये की मांग की जा रही है। कहा जा रहा है कि हम 4 ऑडिटर हैं और एक बीआरपी अधिकारी हैं। आप कमीशन नहीं, तो विदाई समझकर ही पैसे भिजवा दीजिए।
नियामताबाद विकासखंड के दुलहीपुर ग्राम प्रधान और प्रधान संघ के अध्यक्ष आनंद गुप्ता ने बताया कि जब वे उज्जैन गये थे, तो इसी बीच सोशल ऑडिट की टीम उनके गांव आई थी। रोजगार सेवक ने बताया कि सोशल ऑडिटर राजेश ने खर्चा देने की बात कही है और कहा है कि खर्चा नहीं देंगे तो प्रधान से कह देना कि गलत रिपोर्ट लगा दी जाएगी।
इस मामले के बाद ग्राम प्रधान ने कहा कि मैंने पूरी ईमानदारी से काम कराया है। कहीं से कोई लापरवाही नहीं हुई है। उज्जैन से आने के बाद मैंने फोन कर सोशल ऑडिटर राजेश से बात की। उन्होंने आवास में गड़बड़ी की बात कही तो मैने कहा कि आप नोटिस दीजिए, खर्चा कैसा लेंगे।
इस पर सोशल ऑडिटर ने कहा कि आप विदाई समझकर दे दीजिए, आपसे कमीशन कौन मांग रहा है। प्रधान ने कहा कि कितना पैसा भिजवा दें, सोशल ऑडिटर ने कहा कि हम लोग चार ऑडिटर हैं और एक बीआरपी अधिकारी, जो चहनिया के जिला पूर्ति अधिकारी हैं। आप पांच हजार रुपये भिजवा दीजिए। उसी में हम लोग बांट लेंगे।
मनरेगा में जांच के नाम पर वसूली
वायरल ऑडियो में प्रधान ने कहा कि आज के समय में मजदूरी 400 रुपये है और मनरेगा में 230 रुपये दिहाड़ी मिलती है। लेकिन अधिकारियों का दबाव रहता है कि मनरेगा का जीरो हटाया जाए इसलिए हमलोग मजदूरों को पकड़कर लाते हैं और घर से पैसा देकर मनरेगा का जीरो हटवाते हैं। प्रधान के इस बात पर सोशल ऑडिटर ने भी समर्थन किया और कहा कि पूरे जिले में यही स्थिति है। यानी पूरे जिले में मनरेगा के तहत फर्जी काम हो रहे हैं।
ग्राम प्रधानों को धमका कर लिए जाते हैं पैसे
दुलहीपुर ग्राम प्रधान और प्रधान संघ के अध्यक्ष आनंद गुप्ता ने कहा कि यह एक मामला नहीं है। जिले भर के प्रधानों से अधिकारी जांच के नाम पर पैसे वसूलते हैं। किसी का खाता सीज करने की धमकी देते हैं तो किसी को जेल भेजने की बात कहकर डराते हैं। गलत रिपोर्ट लगाकर ग्राम प्रधानों को परेशान करने की बात कहकर वसूली की जाती है। ये बात सारे अधिकारियों को पता है, लेकिन सब खामोश रहते हैं।