बैंकों को समझाए गए चुनाव आयोग के निर्देश, उम्मीदवारों के खाता खोलने व कैश कैरी करने के तरीके
 

जिलाधिकारी महोदय के निर्देश क्रम में उप जिला निर्वाचन अधिकारी व अपर जिलाधिकारी अभय कुमार पांडेय की अध्यक्षता में लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2024 के दृष्टिगत निर्वाचन व्यय के प्रयोजन हेतु समस्त बैंकों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में  बैठक आयोजित की गई।
 

बैंक अफसरों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक

अफसरों ने बैंकों को दिये गए कई निर्देश

कैश कैरी करने वाली गाड़ियों के पास होगा खास क्यूआर कोड 

 

चंदौली जिले में जिलाधिकारी महोदय के निर्देश क्रम में उप जिला निर्वाचन अधिकारी व अपर जिलाधिकारी अभय कुमार पांडेय की अध्यक्षता में लोक सभा सामान्य निर्वाचन 2024 के दृष्टिगत निर्वाचन व्यय के प्रयोजन हेतु समस्त बैंकों के साथ कलेक्ट्रेट सभागार में  बैठक आयोजित की गई। इस दौरान बैंक के अफसरों को आयोग के निर्देश के साथ साथ सुरक्षा व उम्मीदवारों के लेन देन पर नजर रखने के पाठ पढ़ाए गए।


इस बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के पत्र संख्या-76/अनुदेश/2013/ईईपीएस/खण्ड-IV दिनांक 15 अक्टूबर, 2013 सभी निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों को निर्वाचन व्यय के प्रयोजन हेतु अलग से बैंक खाता खोले जाने के सम्बन्ध में विस्तृत निर्देश दिये गये है। सभी बैंक यह सुनिश्चित करायें कि निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थियों के खाते यथाशीघ्र खोले जायें, ताकि उन्हें किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। अभ्यर्थी द्वारा निर्वाचन से सम्बन्धित समस्त व्ययों का संचालन उसी खाते के माध्यम से किया जायेगा। 


आयोग को यह भी निर्देश है कि जिन अभ्यर्थियों के बैंक खाते खोले जाये, उन्हें खाता खोलते समय ही चेक बुक (नाम पर्सनलाइज) उपलब्ध करायी जाये। उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आयोग के निर्देशानुसार यह खाता किसी भी समय खोला जा सकता है किन्तु यह अभ्यर्थी द्वारा अपना नाम निर्देश पत्र दाखिल करने के एक दिन पहले के पश्चात् नहीं होना चाहिए। अभ्यर्थी द्वारा नामांकन दाखिल करते समय इस बैंक खाते की संख्या उस निर्वाचन क्षेत्र के रिटर्निंग आफिसर को सूचित की जायेगी। 

आयोग के निर्देशानुसार बैंकों से कैश रिमिटेन्स (धनराशि बाहर भेजने) करने से पूर्व ईएसएमएस पोर्टल से क्यूआर कोड जनरेट किया जाना है। सभी बैक यह सुनिश्चित करें कि जब भी कोई धनराशि अन्य बैंक, एटीएम, कैश चेस्ट आदि में हस्तान्तरित की जाये तो उस धनराशि को ले जाने वाले वाहन व व्यक्ति के साथ जनरेट किया गया क्यूआर कोड अनिवार्य रूप से उपलब्ध हो, ताकि जांच के दौरान कोई कठिनाई न हो।


इस बैठक के दौरान अपर जिलाधिकारी ने सन्देहजनक व संदिग्ध लेन-देन व असामान्य रूप से अंतरण पर कड़ी नजर रखने सम्बन्ध में भी सभी बैंक समन्यकों को दिशा निर्देश दिए गए।