बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की ओर बढ़ रहा है चंदौली मेडिकल कॉलेज, इमरजेंसी सेवाओं का मिलने लगा लाभ

नवनिर्मित भवन में अब मरीजों को आपात स्थिति में तुरंत इलाज मिल सकेगा। पहले ऐसी स्थिति में लोगों को जिला अस्पताल पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब सुविधाएं मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध होंगी।
 

बाबा कीनाराम चंदौली मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी सेवा की शुरुआत

हवन-पूजन के बाद प्राचार्य ने किया शुभारंभ

5 विभागों के ऑपरेशन थिएटर हुए क्रियाशील

दूरबीन विधि से सफल पित्ताशय का ऑपरेशन किया गया

चंदौली जिले के मरीजों के लिए गुरुवार का दिन नई उम्मीद लेकर आया। चंदौली चिकित्सा महाविद्यालय के नवनिर्मित भवन में आपातकालीन (इमरजेंसी) सेवा और कई विभागों के ऑपरेशन थिएटर का शुभारंभ हो गया। हवन-पूजन के बाद महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. अमित सिंह ने इसे औपचारिक रूप से शुरू किया। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेज का उद्देश्य सिर्फ इलाज करना नहीं बल्कि मरीजों और उनके परिजनों को बेहतर और व्यवस्थित सेवा प्रदान करना है।

इमरजेंसी सेवा की हुई शुरुआत

नवनिर्मित भवन में अब मरीजों को आपात स्थिति में तुरंत इलाज मिल सकेगा। पहले ऐसी स्थिति में लोगों को जिला अस्पताल पर निर्भर रहना पड़ता था, लेकिन अब सुविधाएं मेडिकल कॉलेज में उपलब्ध होंगी। शुरुआत के साथ ही पांच विभागों के ऑपरेशन थिएटर को भी सक्रिय कर दिया गया है। सर्जरी विभाग में सामान्य और दूरबीन दोनों तरह की सर्जरी की सुविधा मिलेगी। ईएनटी और दंत विभाग का संयुक्त ओटी और अस्थि रोग का अलग ओटी भी शुरू हो गया है।

ओपीडी में रोजाना आ रहे 2000 मरीज

डॉ. अमित सिंह ने बताया कि प्रतिदिन लगभग 2000 मरीज ओपीडी में आ रहे हैं। इसे देखते हुए जिला अस्पताल से कई विभागों की ओपीडी को मेडिकल कॉलेज भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है। प्राचार्य ने बताया कि बहुत जल्द दंत चिकित्सा और मानसिक स्वास्थ्य विभाग की ओपीडी भी यहां शुरू हो जाएगी। वहीं गायनी विभाग को एमसीएच विंग में शिफ्ट करने की योजना है।

330 बेड का नवनिर्मित भवन

महाविद्यालय को 330 बेड वाला नया भवन प्रशासनिक रूप से हस्तांतरित कर दिया गया है। इसका लाभ अब जिले के मरीजों को सीधा मिलेगा।

सफल ऑपरेशन से मिला आत्मविश्वास

शुभारंभ के मौके पर सर्जरी विभाग की टीम ने एचओडी डॉ. आलोक त्रिपाठी के नेतृत्व में दो मरीजों का पित्ताशय (गॉल ब्लैडर) का दूरबीन विधि से सफल ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के बाद दोनों मरीजों की स्थिति स्थिर बताई जा रही है।

मरीजों और परिजनों में खुशी

नई सुविधा मिलने से मरीजों और उनके परिजनों में खुशी का माहौल है। अब उन्हें वाराणसी या अन्य बड़े शहरों की ओर भागने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

डॉक्टरों ने जताया संकल्प

उप प्राचार्य डॉ. नैंसी पारुल ने कहा कि मरीजों की सेवा ही उनका दायित्व है और मेडिकल कॉलेज की पूरी टीम इसके लिए समर्पित है।

ग्रामीणों ने भी सराहा पहल

स्थानीय लोगों ने कहा कि जिले में पहली बार इतनी आधुनिक चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई गई है। इससे न सिर्फ जानें बचेंगी बल्कि गरीब परिवारों को आर्थिक राहत भी मिलेगी।