रामकिशुन यादव बोले-योगी सरकार का फरमान संविधान विरोधी, राज्य में नफरत फैलान की कोशिश
पूर्व सांसद रामकिशुन यादव का बयान
अब संविधान पर आ रहा है असली संकट
शेर सुनाते हुए भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश
चंदौली जिले के पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता रामकिशुन यादव ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार के द्वारा दुकानों और दुकानदारों के नाम प्रदर्शित करने और उस पर अपना पहचान लिखने के मामले पर सवाल उठाया और कहा है कि जिस तरह से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड की सरकार द्वारा यह पहल की जा रही है। इससे अब संविधान खतरे में दिखाई देने लगा है।
सपा नेता ने कहा कि यह करके हम जाति और धर्म की राजनीति को बढ़ावा देने जा रहे हैं। सरकार की इस तरह की नीति से दो संप्रदायों के बीच में खाई और बढ़ेगी। इससे रोजी रोजगार के अवसर पर असर पड़ेगा, जिसका कुप्रभाव हमारी कानून व्यवस्था तथा सामाजिक व्यवस्था पर भी पड़ सकता है।
इस दौरान रामकिशुन यादव ने एक शेर सुनाया और कहा कि..
दीप जिसका महल्लात ही में जले, चंद लोगों की खुशियों को लेकर चले।
ऐसे दस्तूर को सुबहे बेनूर को, मैं नहीं जानता, मैं नहीं मानता।।
सपा नेता ने कहा कि यह भारतीय संविधान विरोधी और न्याय विरोधी निर्णय है। धर्म जाति के आधार पर दुकानदारों को अपने नाम लिखने के लिए अनिवार्य करना भारतीय संविधान की घोर अवहेलना है। आजादी के बाद आज तक कभी भी इस प्रकार के कार्य नहीं हुआ। सभी लोग धार्मिक कार्यों में शुद्धता बनाए रहते हुए एक दूसरे को मान-सम्मान देते चले आ रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के इस निर्णय से नफरत की बू आ रही है और लोगों में भय पैदा करने की कोशिश की जा रही है।
रामकिशुन यादव ने कहा कि सभी धर्म के लोग एक दूसरे के धार्मिक कार्यों में शुद्धता बनाते हुए शरीक होते रहते हैं। आज धर्म जाति के आधार पर चिन्हित करना भारतीय संविधान में दिए गए अधिकारों पर हमला है, जिसका समाजवादी पार्टी के लोग विरोध करेंगे।