नकली नोट के कारोबार में कई रिश्तेदार भी हैं शामिल, निशाने पर नेटवर्क के और लोग

चंदौली जिले की धानापुर पुलिस ने सर्विलांस टीम के साथ शनिवार को जब एक लाख 18 हजार 100 रुपये के नकली नोट के साथ 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया तो कई सनसनी खेज खुलासे हुए।
 

20 हजार रुपये के असली नोट से मिलती है 1 लाख की नकली करेंसी

बिहार से जुड़ा है चंदौली के इन जालसाजों का कनेक्शन

एक लाख के नकली नोट के खपाने पर मिलते थे 25 हजार

आप रहिए नकली नोटों से सावधान

चंदौली जिले की धानापुर पुलिस ने सर्विलांस टीम के साथ शनिवार को जब एक लाख 18 हजार 100 रुपये के नकली नोट के साथ 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया तो कई सनसनी खेज खुलासे हुए। इस दौरान आरोपियों ने बताया कि 20 हजार रुपये के असली नोट देकर बिहार से एक लाख के नकली नोट मंगाया करते थे और उसको जिले के अलग अलग कोने में अपने सुविधा के अनुसार खपाया करते थे। पुलिस उनसे मिली जानकारी के आधार पर इनके नेटवर्क के और सदस्यों को खंगालने में जुटी हुई है।

बताया जा रहा है कि दोनों को अरेस्ट करके मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस ने आरोपियों को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया। 

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इस बारे में जानकारी देते हुए धानापुक के थानाध्यक्ष प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि पुलिस को सूचना मिली कि क्षेत्र के आवाजापुर नहर पुलिया के पास बाइक के साथ दो संदिग्ध खड़े हैं। सूचना मिलने पर पुलिस व सर्विलांस की टीम मौके पर पहुंच गई। पुलिस को देखते ही आरोपी भागने लगे पर पुलिस ने घेराबंदी की उन्हें पकड़ लिया। तलाशी लेने पर उनके पास से एक लाख 18 हजार 100 रुपये के नकली नोट बरामद हुए।

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इस दौरान पकड़े गए आरोपियों में सकलडीहा कोतवाली क्षेत्र के बथावर निवासी अमरेश पाठक व बलुआ थाना क्षेत्र के कैलावर निवासी अरविंद यादव हैं। अमरेश के बैग से 98 हजार 900 जाली नोट, दो मोबाइल व एक वाईफाई राऊटर और अरविंद यादव के पास से कुल 19 हजार 200 जाली नोट व मोबाइल बरामद हुआ है, जिसमें पांच सौ, दो सौ और सौ के नकली नोट थे। 

पुलिस ने बताया कि बरामद नोटों पर आरबीआई लिखा तार मौजूद नहीं थे। वहीं पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उनके कुछ स्थानीय परिचित भी धंधे में लिप्त हैं। उनसे वे 20 हजार असली रुपये देकर एक लाख जाली रुपया करते हैं। इसके बाद 25 हजार रुपये के बदले एक लाख का जाली नोट बाजार में ग्राहकों के माध्यम से खपाते हैं। राउटर और व्हाट्सएप काल से वे बात करते रहते हैं ताकि पुलिस को उनकी लोकेशन न मिले।

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