बेसिक शिक्षा विभाग में महिलाओं की वीडियो कॉलिंग से जांच व बातचीत का फरमान गलत
 

प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री जी के द्वारा महिलाओं और बेटियों की निजता और सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं तो यह आदेश परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत महिला शिक्षिकाओं और विद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों की निजता पर सवाल खड़े करते हैं।
 

महिला शिक्षक संघ ने किया विरोध

महिलाओं से वीडियो कॉलिंग करना निजता का उल्लंघन

आदेश के विरोध में प्रदेश में उठने लगे स्वर
 

चंदौली जिले के महिला शिक्षक संघ चंदौली की मंडल अध्यक्ष व जिला अध्यक्ष डॉ. सुनीता तिवारी ने बताया कि 24 अप्रैल 2023 को  बेसिक शिक्षा विभाग में विभागीय आदेश आया कि अब सभी महिला शिक्षिकाओं व कार्मिकों से उनके जनपद के उच्च अधिकारी व उनकी टीम वीडियो कॉल करके बातचीत करेंगे। इस आदेश के आते ही इसके विरोध में प्रदेश के अलग-अलग जनपदों से महिला शिक्षिकाओं और उनके परिवार जन की प्रतिक्रिया मेरे पास तेजी से आने लगी है।

सभी ने इस व्यवस्था को अव्यावहारिक व अनुचित बताया है। सभी की प्रतिक्रिया का विश्लेषण करने के उपरांत यह निर्णय लिया गया है कि जिला कार्यकारिणी के नेतृत्व में इस वीडियो कॉल वाले आदेश के संदर्भ में आप सभी अपने जिलाधिकारी महोदय के माध्यम से एक ज्ञापन महामहिम आदरणीय राज्यपाल महोदया, माननीय बेसिक शिक्षा मंत्री, माननीय राष्ट्रीय महिला आयोग को प्रेषित करेंगी और उनसे एक प्रति रिसीव करवाएं।

प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री जी के द्वारा महिलाओं और बेटियों की निजता और सुरक्षा के लिए कठोर कदम उठाए जा रहे हैं तो यह आदेश परिषदीय विद्यालयों में कार्यरत महिला शिक्षिकाओं और विद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों की निजता पर सवाल खड़े करते हैं। उक्त आदेश को यदि निरस्त नहीं किया गया तो हम शीघ्र ही राष्ट्रीय महिला आयोग एवं आदरणीय महामहिम राज्यपाल महोदया से इस संदर्भ में बैठक कर अवगत कराते हुए मार्गदर्शन प्राप्त करेंगे। यह व्यवस्था अव्यवहारिक और अनुचित है।

इस व्यवस्था को तत्काल रुप से वापस लिया जाना चाहिए जिससे महिला शिक्षकों को शिक्षण कार्य करने में मानसिक तनाव को न झेलना पड़ेगा। आज इसी संदर्भ में महिला शिक्षक संघ चंदौली की वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रीति अग्निहोत्री व उपाध्यक्ष ईरा सिंह ने अपर जिलाधिकारी उमेश कुमार मिश्र को एक ज्ञापन दिया।