किसान नेता का विधायक सुशील सिंह पर गंभीर आरोप, स्वजातीय ठेकेदारों के देते हैं संरक्षण

यहां के काम को देखने के लिए जिलाधिकारी को बुलाए थे कि वह अपनी आंखों से देख लें कि कैसे दो माह के भीतर सरकार के चार करोड़ रूपये पानी में बह गये।
 

गुरैनी पंप कैनाल की हालत पर दे रहे धरना

गंगा कटान के काम काम भी खोली पोल

डीएम के देख के जाने पर नहीं हुआ सुधार

किसानों की समस्या दूर करने में नहीं ले रहे दिलचस्पी

चंदौली जिले के सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र की गुरैनी लघुडाल पम्प बन्द रहने से गुस्साए किसानों का धरना जारी है। मौके पर जुटे किसान नेता जिलाधिकारी और विधायक सुशील सिंह से भी नाराज दिखे। किसान नेता दीनानाथ श्रीवास्तव ने सैयदराजा विधायक पर आरोप लगते हुए कहा कि विधायक सुशील सिंह की जाति की राजनीति कर रहे हैं और अपने स्वजातीय लोगों से कैनाल के आसपास के सारे काम कराते हैं, जिसकी वजह से काम की क्वालिटी मेंटेन नहीं होती है, क्योंकि उनके ठेकेदार किसी और की बात नहीं सुनते हैं।

इसका जीता जगता प्रमाण गुरैनी गंगा कटान का काम देख सकते हैं। यही नहीं विधायक का काम स्वजातीय लोगो के द्वारा कराया जाता हैं, जो किसी और की कोई बात नहीं सुनते हैं और मनमाने  ढंग से काम करते हैं। यहां पर लूट खसोट जोरदार तरीके से होती है। यहां के पम्प कैनाल के पास गंगा कटान के लिए लगाए गये बोल्डर गंगा में समाहित होते जा रहे हैं।

बताया जा रहा है कि यहां के काम को देखने के लिए जिलाधिकारी को बुलाए थे कि वह अपनी आंखों से देख लें कि कैसे दो माह के भीतर सरकार के चार करोड़ रूपये पानी में बह गये। यही नहीं पम्प के पास बनी फर्श भी फट गयी।  पानी का जल स्तर बढ़ते ही फर्स भी गंगा में बह जाएगी।

वहीं जिसे समय किसानों को पानी की जरूरत है। उसी समय पर पम्प कैनाल नहीं चल रही है। विधायक केवल हवाहवाई कोरा अश्वासन दे रहे हैं। ऐसा लगता है कि उनकी बात कोई सुनता ही नहीं है।

 वहीं पंप कैनाल के मामले में किसान नेता मुन्ना सिंह ने कहा कि बिजली ट्रांसफार्मर जला हुआ है। अगर प्रतिनिधि थोड़ा सा ध्यान दिए होते तो किसानों को धरना देने के बजाय खेतों में हल चलाते देखा जाता। लेकिन किसान यह बैठकर पानी की मांग कर रहे हैं।

किसान नेता शिवराज यादव ने कहा कि कैनाल पर दो ट्रांसफरमर लगे हुए थे। परन्तु एक ट्रांसफॉर्मर यहाँ से विभाग उठा कर वीरासराय ले गया। दूसरा खराब हो गया है। अगर दोनों रहते तो एक के खराब होने  से दूसरे से बिजली सप्लाई चलती रहती। जिससे किसानों को पानी मिल गया होता।

 धरना की अध्यक्षता कर रहे प्रधान भरत यादव के साथ राम अवध यादव, राधेश्याम यादव, वीरेंद्र, पारस, राम अवध, सुनील सहित अन्य किसान शामिल रहे।