बलुआ और टाण्डाकला बाजार में घुसा पानी, कई जगहों से पलायन शुरू, खेतों में भी भर रहा पानी
 

गंगा का उफान तटवर्ती गांवों के लिए चिंता का कारण बन गया है। जहां एक ओर लोगों को पलायन करना पड़ रहा है, वहीं प्रशासन की ओर से राहत कार्य भी तेज़ कर दिए गए हैं।
 

चंदौली में दिखने लगा है गंगा का रौद्र रूप

जिले के कई तटवर्ती गांवों में दिख रहा है भय का माहौल

जिला प्रशासन ने किया राहत कार्य शुरू

चंदौली जिले में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है और अब उसने रौद्र रूप धारण कर लिया है। इसकी चपेट में आकर जिले के बलुआ, टाण्डाकला और अन्य तटवर्ती इलाकों में दहशत का माहौल बन गया है। गंगा का पानी बलुआ और टाण्डाकला बाजार में घुस चुका है, जबकि बाणगंगा नदी भी उफान पर है, जिससे आसपास के खेत और गांवों में पानी भरना शुरू हो गया है।

हसनपुर में सबसे ज्यादा खतरा, लोगों को किया गया सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट
गंगा की विकराल होती स्थिति को देखते हुए बलुआ थाना क्षेत्र के अंतर्गत मारूफपुर चौकी इंचार्ज अमित सिंह ने हसनपुर गांव में त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थान पर भेजा। विजय चौधरी, बिनोद चौधरी, अमर चौधरी, लाल बहादुर, अभिमन्यु समेत कई लोगों को सुबह 6 बजे ही उनके घरों से सामान सहित निकालकर मारूफपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय में बनाए गए बाढ़ राहत केंद्र में भेजा गया।

बलुआ और टाण्डाकला बाजार में घुसा पानी
बलुआ और टाण्डाकला बाजार में गंगा का पानी प्रवेश कर चुका है, जिससे दुकानों और गलियों में जलभराव हो गया है। टाण्डा के घटवारी माता मंदिर परिसर में स्थित लगभग 200 वर्ष पुराना बरगद का वृक्ष भी तेज बहाव और पानी की जद में आकर धराशायी हो गया। इससे क्षेत्र में और अधिक दहशत का माहौल बन गया है।

शवदाह स्थल भी जलमग्न, संकट में अंतिम संस्कार
बलुआ घाट पर पानी बढ़ने के कारण अब शवदाह की व्यवस्था भी बाधित हो रही है। लोगों को अब वैकल्पिक स्थल के रूप में सराय घाट की ओर रुख करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस तेजी से जलस्तर बढ़ रहा है, आने वाले दिनों में शवदाह के लिए भी जगह नहीं बचेगी। यह घाट पूरे जिले का प्रमुख अंतिम संस्कार स्थल है।

पलायन शुरू, खेतों में भर रहा पानी
भुसौला गांव समेत अन्य क्षेत्रों के ग्रामीण अब खुद ही अपना सामान लेकर सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। बाणगंगा नदी के किनारे बसे दर्जनों गांवों के खेतों में पानी घुसने लगा है, जिससे धान और अन्य फसलें डूबने के कगार पर हैं। इससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है।

प्रशासन की मुस्तैदी: भोजन और राहत सामग्री का वितरण
मारूफपुर स्थित बाढ़ राहत केंद्र में पहुंचे शरणार्थियों को प्रशासन द्वारा राहत सामग्री उपलब्ध कराई जा रही है। नायब तहसीलदार राजेन्द्र प्रसाद और एडीओ पंचायत राजेश सिंह ने खुद मौके पर पहुंचकर लोगों को खाने-पीने का सामान और नाश्ता वितरित किया।

गंगा का उफान तटवर्ती गांवों के लिए चिंता का कारण बन गया है। जहां एक ओर लोगों को पलायन करना पड़ रहा है, वहीं प्रशासन की ओर से राहत कार्य भी तेज़ कर दिए गए हैं। लेकिन यदि पानी का यही वेग जारी रहा, तो आने वाले दिनों में स्थिति और भी गंभीर हो सकती है।