चंदौली में बारिश-बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त, सड़क मार्ग और गांवों में आज भी भरा हुआ है पानी

मंगलवार को जिले में सुबह से लेकर शाम तक रुक-रुक कर हल्की से तेज बारिश होती रही, जिससे मौसम सुहाना हुआ, लेकिन जलभराव की स्थिति बनी रही और आम लोगों की समस्याएं और बढ़ गईं।
 

चंदौली में लगातार बारिश और बाढ़ से जनजीवन प्रभावित

बबुरी-चकिया और मुगलसराय मार्ग पर जलभराव से आवागमन ठप

हजारों हेक्टेयर धान की फसल जलमग्न

किसानों को भारी नुकसान

चंदौली जिले में बीते पांच दिनों से लगातार हो रही मानसून की बारिश और बाढ़ ने जनजीवन को पूरी तरह प्रभावित कर रखा है। बबुरी, शहाबगंज, नियामताबाद और सदर ब्लॉक के कई इलाकों में जलभराव के कारण आवागमन ठप हो गया है। जिले के प्रमुख मार्ग जैसे बबुरी-चकिया और पीडीडीयू नगर-चकिया-बबुरी मार्ग पर पानी भरा होने से वाहन और पैदल यात्री दोनों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

आपको बता दें कि विशेष रूप से बबुरी के पास शिवनाथपुर छलका पर करीब पांच दिन से पानी बह रहा है। इस मार्ग पर लगातार पानी भरा होने के कारण सोमवार को एक यात्री बस और पिकअप वाहन पलटने से बाल-बाल बच गए। पीडीडीयू नगर सहित कई कस्बों और बाजारों में जलभराव की स्थिति बनी रही। जिले के अन्य हिस्सों जैसे नौगढ़ और चकिया में भारी बारिश के बाद बांधों के फाटक खोल दिए गए थे, जिससे कर्मनाशा, चंद्रप्रभा और गरई नदी में बाढ़ आ गई थी। लतीफशाह बियर से पानी का ओवरफ्लो होने के कारण आसपास के गांवों में भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हुई।

हालांकि, बारिश कम होने पर बांधों के फाटक बंद कर दिए गए, लेकिन बबुरी, नियामताबाद, शहाबगंज और सदर ब्लॉक के कई गांवों में अब भी पानी भरा हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि कई दिनों से जलभराव बरकरार है, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई चेतावनी बोर्ड या सुरक्षित मार्ग की जानकारी नहीं दी गई। वहीं, मंगलवार को जिले में सुबह से लेकर शाम तक रुक-रुक कर हल्की से तेज बारिश होती रही, जिससे मौसम सुहाना हुआ, लेकिन जलभराव की स्थिति बनी रही और आम लोगों की समस्याएं और बढ़ गईं।

बताते चलें कि अहरौरा-जोगिया संपर्क मार्ग पर भी जलभराव से ग्रामीणों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। यह मार्ग जोगिया गांव, सीतापुर, ताजपुर, कुसुम्हा, मियापुर, गढ़वा (दक्षिणी), बैराठ फॉर्म और अवधा समेत दर्जन भर गांवों के लोगों का मुख्य आवागमन मार्ग है। ग्रामीणों ने बताया कि पानी की निकासी के उचित प्रबंध न होने और लगातार वाहनों के आवागमन से मार्ग पर बड़े-बड़े गड्ढे बन गए हैं। दिन में पैदल राहगीर और ग्रामीण किसी तरह इस मार्ग से गुजर रहे हैं, लेकिन रात में गड्ढों में भरे पानी के कारण लोग गिरकर चोटिल हो जाते हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को बार-बार शिकायत करने के बावजूद समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों में ढहे कच्चे मकानों की संख्या भी बढ़ गई है। नियामताबाद विकासखंड के पचोखर, चंदाईत, शिवनाथपुर, उसडौरी, तकिया, हसनपुर, कम्हरिया, मछरिया, डिहुलिया और गोपालापुर जैसे गांवों में दर्जन भर कच्चा मकान पानी में बह गया। तकिया गांव में करीब 300 लोग बाढ़ के पानी से घिरे हुए हैं। मंगलवार को तहसीलदार राहुल सिंह टीम के साथ गांव में पहुंचे और प्रभावित लोगों को 200 पैकेट भोजन वितरित किए। हसनपुर और अन्य प्रभावित गांवों में भी राहत वितरण जारी रहा। बाढ़ से प्रभावित पचोखर ग्राम पंचायत का तकिया गांव सबसे अधिक प्रभावित है। सोमवार की रात अधिक पानी और रास्तों पर पानी होने के कारण तहसील प्रशासन भोजन पैकेट वितरित नहीं कर पाया था।

बाढ़ और बारिश के कारण जिले में हजारों हेक्टेयर धान की फसल जलमग्न हो गई है, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ है। सैकड़ों मकान धराशायी हो गए हैं और गरीब परिवारों की स्थिति चिंताजनक हो गई है। इस स्थिति को देखते हुए भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राणा प्रताप सिंह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और चंदौली जिले में बाढ़ और बारिश से प्रभावित किसानों और ग्रामीणों की समस्याओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री ने इस पर संज्ञान लेते हुए कमिश्नर वाराणसी को निर्देश दिए कि वे तत्काल चंदौली के बाढ़ और बारिश की स्थिति की रिपोर्ट शासन को भेजें।

ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन द्वारा समय पर उचित चेतावनी और मार्ग व्यवस्था न होने के कारण उनकी मुसीबतें और बढ़ गई हैं। कई जगहों पर बाढ़ का पानी घरों में घुस गया और लोग सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए मजबूर हुए। जलभराव के कारण आवागमन प्रभावित होने से किसानों को खेतों में फसलों की देखभाल और कटाई में भी कठिनाई हो रही है।

मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी बारिश की संभावना जताई है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में संकट और बढ़ सकता है। प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य जारी रखा है, लेकिन ग्रामीणों का कहना है कि पर्याप्त मदद और सतत निगरानी की आवश्यकता है। स्थानीय लोगों ने अपील की है कि जल निकासी की स्थायी व्यवस्था की जाए और प्रभावित मार्गों पर सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित किया जाए।

इस वर्ष चंदौली जिले में मानसून और बाढ़ का प्रभाव गंभीर रूप से महसूस किया जा रहा है। बारिश और बाढ़ के कारण किसानों, गरीब परिवारों और ग्रामीणों की स्थिति कठिन है। प्रशासन और स्थानीय अधिकारियों को प्रभावित क्षेत्रों में प्रभावी राहत, बचाव और पुनर्वास कार्य त्वरित गति से करने की आवश्यकता है, ताकि आम लोगों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।