DM साहब का नाम बताकर बना रहे भौकाल, अम्बेसडर कार पर लिखकर चल रहे UP सरकार, जागरूक करने के नाम कर रहे नौटंकी

मुग़लसराय के चकिया तिराहे पर शुक्रवार की शाम सड़क सुरक्षा व हेलमेट व गाड़ी के सभी कागज व सीट बेल्ट को लेकर पर्वतारोहियों ने एआरटीओ प्रवर्तन व ट्रैफिक इंस्पेक्टर का सहारा लेकर लोगों को जागरुक कर उनका चालान करवा रहे थे।
 

ऐसे लोगों की भी गाड़ी सीज़ कराइये कप्तान साहब

पुलिस व ARTO के चंगुल से भाग गए भौकाली लोग

बिना वैध पेपर के चल रहे थे उत्तर प्रदेश सरकार लिखी कार

चंदौली जिले के मुगलसराय क्षेत्र में शुक्रवार की शाम चार पर्वतारोहियों ने एआरटीओ व ट्रैफिक इंस्पेक्टर का सहारा लेकर लोगों को जागरूक कर रहे थे। इतने में स्थानीय लोगों के सवाल पर पर्वतारोहियों का डाल वहां से भाग निकला। जबकि चार पर्वतारोही बनकर घूम रहा दल जिस गाड़ी से आकर पुलिस और ARTO की चेकिंग कर रहे था उसी की गाड़ी के पेपर अपडेट नहीं थे, कई पेपर फेल हो गए थे।

पर्वतारोहियों का दल ने बताया कि जिला अधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे से सबसे पहले उनकी मुलाकात हुई थी। बुधवार को अंबेसडर कार से चकिया पहुंचे थे। यात्रा के दौरान टीम सरकार की बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, सड़क सुरक्षा, कन्या सुमंगला योजना और ऊर्जा का इस्तेमाल करने पर्यावरण संरक्षण सहित तमाम योजनाओं के सापेक्ष लोगों को जागरुक करने का काम कर रहे थे। वहीं मुग़लसराय के चकिया तिराहे पर शुक्रवार की शाम सड़क सुरक्षा व हेलमेट व गाड़ी के सभी कागज व सीट बेल्ट को लेकर पर्वतारोहियों ने एआरटीओ प्रवर्तन व ट्रैफिक इंस्पेक्टर का सहारा लेकर लोगों को जागरुक कर उनका चालान करवा रहे थे। जागरूक के साथ जिन लोगों ने हेलमेट नहीं लगाया था उनका चालान भी कटवा रहा था। इतने में स्थानीय लोगों ने कहा कि जिस एंबेसडर गाड़ी से चार पर्वतारोहियों आए हैं उनकी भी गाड़ी चेक की जाए‌। इतना सुनते ही चारों व्यक्ति घबरा गए। स्थानीय लोगों ने एप के माध्यम से अंबेडकर गाड़ी चेक की तो सभी कागज फेल थे। साथ ही लोगों के पूछा कि प्राइवेट गाड़ी पर उत्तर प्रदेश सरकार नहीं लिखा रहना चाहिए। पहले आप लोग जागरुक हो जाइये फिर उसके बाद लोगों को जागरुक करिए। इतना सुनते ही पर्वतारोहियों का दल अंबेडकर गाड़ी लेकर चकिया तिराहे से भाग गए।

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इसके बाद लोगों ने कहा कि ऐसे फर्जी लोगों से अधिकारियों को सावधान रहना चाहिए। ऐसे लोगों के ऊपर पुलिस अधीक्षक को ध्यान देना चाहिये। नहीं तो ऐसे लोग जागरूकता के नाम पर लोगों को बेवकूफ बना सकते हैं और अफसरों के नाम को बदनाम कर सकते हैं।