फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर प्रधानी करने वाली मैडम की जांच में लीपापोती, 4 सालों से लटकी है फाइल
 

इन 8 साक्ष्यों के बावजूद भी जिलाधिकारी सहित उच्च अधिकारी के साथ ही सूबे मुख्यमंत्री योगी जी को अवगत कराने के बाद भी 2021 से अब तक इस मामले में जांच ही की जा रही है।
 

सारे अफसर जानबूझकर कर रहे देरी

ग्राम प्रधान की लटकी है 2021 से जांच

हटिया ग्राम प्रधान श्रीमती जानकी देवी पर है आरोप

फर्जी प्रमाण पत्र लगाकर हासिल की ग्राम प्रधान की कुर्सी

चंदौली जिले के सदर ब्लॉक के हटिया ग्राम पंचायत की ग्राम प्रधान जानकी देवी द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर प्रधानी का चुनाव लड़ने तथा प्रधान बनने का मामला सामने आने पर अधिकारी एवं कर्मचारी मामले के लीपा पोती में जुट चुके हैं। शिकायतकर्ता द्वारा 2021 से लेकर अब तक कई बार शिकायत की गयी है, लेकिन इस मामले में अभी भी अधिकारियों द्वारा जांच ही की जा रही है। जबकि प्रधान का कार्यकाल लगभग 4 साल बीत गयी है और केवल एक वर्ष ही बाकी है।

आपको बता दें कि सदर ब्लॉक क्षेत्र के हटिया ग्राम पंचायत सीट को महिला अनुसूचित कोटे में आरक्षित किया गया था। इसके कारण  वर्तमान ग्राम प्रधान श्रीमती जानकी देवी पत्नी अमरेश द्वारा फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव लड़ने की कोशिश की गयी और वह चुनाव जीत भी गयीं। इसके बाद जैसे ही लोगों को जानकारी हुयी तो इसकी शिकायत सक्षम अधिकारियों से की गई ।

गांव के शिकायतकर्ता उपविजेता श्रीमती प्रेमा देवी पत्नी खरपत्तू द्वारा लिखित शिकायत के माध्यम से 30 जून 2021 को अवगत कराया गया कि श्रीमती जानकी देवी पिछड़ी जाति की हैं, और वह गोड़ बिरादरी में आती हैं। लेकिन उन्होंने  महिला अनुसूचित कोटे में आरक्षित सीट पर चुनाव जीता है, जो पूरी तरह गलत है।
 
वहीं शिकायतकर्ता द्वारा साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किए गए कागजात में साक्ष्य कुछ इस प्रकार हैं.....
1. पहला साक्ष्य..श्रीमती जानकी देवी के मायके का खेत की खतौनी में पिछड़ी जाति अंकित है।
 2. दूसरा  साक्ष्य ..  जानकी देवी के ससुराल पक्ष एवं उनके पति अमरेंद्र के दयाद हनुमान लाल पुत्र इसरी गोड़  द्वारा अपने खेत को बेचने के लिए पिछड़ी जाति साक्ष्य का उल्लेख करके अपनी जमीन को बेचने का कार्य किया है।
3. तीसरा  साक्ष्य.. श्रीमती जानकी देवी मायके के कुटुंब रजिस्टर की नकल गोंड़ एवं भड़भुजा अंकित है ।
4. चौथा साक्ष्य..  श्रीमती जानकी देवी के दादा का 1356 फसली में बैजनाथ गोड़ अंकित है।
5. श्रीमती जानकी देवी के ससुराल के कुटुंब रजिस्टर की नकल पर ससुर जयप्रकाश पुत्र सोमारू गोड़  अंकित है।
6. श्रीमती जानकी देवी के मायके के राशन कार्ड संख्या 21 96 4051 8747 राम निहोर गोड़ के नाम जारी किया गया है, जो कि पिछड़ी जाति में अंकित है।
 7. श्रीमती जानकी देवी के ससुराल पक्ष का राशन कार्ड संख्या 21964048 1491 जयप्रकाश के नाम जारी है, उसमें भी गोड़ व पिछड़ी जाति का उल्लेख है।
8. श्रीमती जानकी देवी की कक्षा 8 की टीसी  में पिछड़ी जाति अंकित है और यह टीसी जन सूचना के अधिकार के तहत 24 मार्च 2023 को विद्यालय द्वारा दी गई है।
 
इन 8 साक्ष्यों के बावजूद भी जिलाधिकारी सहित उच्च अधिकारी के साथ ही सूबे मुख्यमंत्री योगी जी को अवगत कराने के बाद भी 2021 से अब तक इस मामले में जांच ही की जा रही है, जिसमें अधिकारियों जांच के नाम पर लीपापोती करने का कार्य बहुत खूब चल रहा है। क्योंकि निर्गत जाति प्रमाण पत्र किस आधार पर जारी किया गया है, उसे आधार को प्रस्तुत कर मामले का निस्तारण करने के बजाय केवल पत्रों के माध्यम से उसे लटकाने का कार्य किया जा रहा है।

जब इस संबंध में वर्तमान प्रधान जानकी देवी के पति अमरेंद्र गोंड़ से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, जो होगा वह देखा जाएगा। फर्जी प्रमाण पत्र लगाने के संबंध में उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया और कहा कि इस संबंध में पूर्व प्रधान मृत्युंजय मौर्या से संपर्क कर लें, उन्हीं के द्वारा सब कुछ कराया गया है।

जब इस संबंध में पूर्व प्रधान मृत्युंजय मौर्या को फोन के माध्यम से संपर्क करने की कोशिश की गयी तो उन्होंने फोन उठाने की जहमत नहीं की। जब इस संबंध में जांचकर्ता अधिकारी जिला समाज कल्याण अधिकारी नागेंद्र कुमार मौर्य ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है, जल्द ही निस्तारण हो जाएगा। जब उनसे यह पूछा गया की 2021 से लेकर अब तक जांच ही हो रही है और प्रधान का कार्यकाल 1 साल और बाकी है तो इस मुद्दे पर कुछ भी बोलने से इनकार कर गए।

 वहीं शिकायतकर्ता श्रीमती प्रेमा देवी के पति खरपत्तू का आरोप है कि इतने साक्ष्य के बावजूद भी इस मामले का अभी तक निस्तारण नहीं किया गया है, जबकि शहाबगंज ब्लॉक के  बेनतियरी एवं सदर ब्लॉक में बनौली खुर्द के ग्राम प्रधान  का अधिकारियों द्वारा  ऐसे ही मामले संज्ञान लेकर फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर चुनाव लड़ने वालों का  चुनाव  जीतने के बाद पर्चा रद्द कर दिया गया था और उपविजेता को विजयी घोषित किया गया है। लेकिन हमारे यहां पैसे की लेनदेन कर अधिकारी इस मामले को लटकाए हुए हैं।
 
अब देखना है कि यह 5 वर्ष के कार्यकाल पूर्ण होने से पहले मामले को निस्तारित किया जाता है या ऐसे ही इस मामले को ठंडा बस्ती में रखकर 5 साल का कार्यकाल ग्राम प्रधान का पूर्ण कर दिया जाता है।
और यदि  आरोपी पर दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ किस प्रकार की कार्यवाही की जाती है।