ग्राम प्रधानों ने अफसरों के उत्पीड़न के खिलाफ खोला मोर्चा, प्रधान संघ फिर हुआ लामबंद
मनरेगा को लेकर हो रहे उत्पीड़न पर नाराजगी
कई मामलों को लेकर प्रधान संघ हुआ लामबंद
चहनिया विकास खंड के सभागार में ग्राम प्रधानों ने दिखाया गुस्सा
चंदौली जिले के चहनिया विकास खंड के ब्लॉक मुख्यालय सभागार में गुरुवार को अधिकारियों द्वारा ग्राम प्रधानों के हो रहे उत्पीड़न को लेकर प्रधान संघ के बैनर एक बैठक करके अपने साथ हो रही नाइंसाफी का मुद्दा उठाया। प्रधानों के उत्पीड़न के खिलाफ लामबंद हो कर प्रधानों ने पांच सूत्रीय मांग पर विचार विमर्श किया।
इस दौरान ग्राम प्रधान संघ के ब्लाक अध्यक्ष राजेश यादव ने कहा कि गांवों में मनरेगा द्वारा कराये गये कार्यों की मजदूरों की मजदूरी का भुगतान समय से नहीं होने पर आये दिन मजदूर प्रधानों के दरवाजे पर पहुंचकर अपमानित करते हैं। ग्राम प्रधान के बिना सूचना के मनरेगा द्वारा कराये गये विकास कार्यों के मस्टरोल को जीरो कर दिया जाता है।
गांवों में प्रधानों द्वारा एक वर्ष से कराये गये कार्यों का सत्यापन व एमबी होने के बाबजूद भी आज तक भुगतान नहीं किया गया है। मैटेरियल का पैसा आया हुआ है। उसके बाद भी प्रधान का भुगतान नहीं हुआ। प्रधानों को बिना सूचना दिये एवं लिखित आदेश के श्रमिकों के मस्टरोल को जीरो करने का प्राविधान जिससे 60 से 70 लाख रुपए का भुगतान नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने कहा कि अगर अधिकारियों द्वारा प्रधानों का उत्पीड़न बंद नहीं हुआ तो ग्राम प्रधान आंदोलन के लिए बाध्य हो जायेंगे।
इस दौरान ग्राम प्रधान जयराम शास्त्री, राजनाथ सिंह यादव, जसवंत मौर्या, रामअशीष यादव, सतीश गुप्ता, सिद्धार्थ मोर्या, विनोद कुमार, सुनील सिंह, धर्मेंद्र यादव, प्यारेलाल पासवान आदि लोग मौजूद रहे।