एक और खुशखबरी : अब सरकारी स्कूलों में हरे और सफेद बोर्ड पर होगी पढ़ाई, मिला 2.67 करोड़ का अनुदान
अब हरे और सफेद बोर्ड पर होगी पढ़ाई
जिले को कंपोजिट ग्रांट के रूप में मिले 2.67 करोड़ रुपये
एक लाख 87 हजार से अधिक छात्र होंगे लाभांवित
विद्यालयों की रंगाई-पोताई और मरम्मत पर जोर
चंदौली जिले के परिषदीय विद्यालयों में अब पढ़ाई पुराने काले बोर्ड पर नहीं, बल्कि बच्चों की आंखों के अनुकूल हरे और सफेद बोर्ड पर कराई जाएगी। इस पहल का उद्देश्य बच्चों के शैक्षणिक अनुभव को बेहतर बनाना और विद्यालयों के वातावरण को आधुनिक और सुविधाजनक बनाना है। इस कार्य के लिए शासन की ओर से दो करोड़ 67 लाख रुपये की कंपोजिट ग्रांट जारी की गई है।
आपको बता दें कि जिले के कुल 1,165 प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और कंपोजिट विद्यालयों में पंजीकृत एक लाख 87 हजार आठ सौ 67 बच्चों को इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा। इन विद्यालयों में शिक्षण व्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ बुनियादी ढांचे को भी बेहतर बनाने की तैयारी है।
रंग-रोगन से लेकर अग्निशमन यंत्र तक की व्यवस्था
ग्रांट का उपयोग विद्यालयों की रंगाई-पोताई, शिक्षण और सहायक सामग्री की खरीद, फर्स्ट एड बॉक्स, चाक्स में आवश्यक दवाएं, अग्निशमन यंत्रों की रिफिलिंग तथा कक्षा-कक्षों में टाइल्स लगाने जैसे कार्यों में किया जाएगा। बच्चों के लिए हैंडवॉशिंग सिस्टम और नेल कटर जैसी स्वच्छता संबंधी व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जाएंगी।
स्वच्छता अभियान को मिलेगी मजबूती
कंपोजिट ग्रांट का 10 प्रतिशत हिस्सा स्वच्छता अभियान व कार्यक्रमों पर खर्च किया जाएगा। इसके तहत शौचालयों की मरम्मत, टाइल्स लगवाने और सभी शौचालयों को क्रियाशील करने का निर्देश दिया गया है। यह पहल बच्चों में साफ-सफाई की आदतों को विकसित करने के साथ-साथ स्कूलों को स्वच्छ और सुरक्षित बनाएगी।
किसे नहीं मिलेगी ग्रांट
हालांकि, पीएमश्री योजना के अंतर्गत चयनित जिले के 20 बेसिक विद्यालयों को यह कंपोजिट ग्रांट नहीं दी जाएगी। इन विद्यालयों के लिए अलग से बजट का प्रावधान है और उसी से इनका विकास किया जाएगा।
भविष्य में मिलेगी और भी राशि
शिक्षा विभाग ने 2025-26 के शैक्षणिक सत्र के लिए कुल 5.35 करोड़ रुपये की मांग शासन को भेजी थी, जिसमें से फिलहाल 50 प्रतिशत राशि जारी कर दी गई है। शेष राशि फरवरी में मिलने की उम्मीद है। इस पूरी प्रक्रिया की निगरानी के लिए खंड शिक्षा अधिकारियों को सख्त निर्देश जारी किए गए हैं।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का बयान
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी सचिन कुमार ने बताया कि शासन से कंपोजिट ग्रांट के तहत 50 प्रतिशत धनराशि मिली है। इस धन से स्कूलों में जरूरत का सामान खरीदा जा सकेगा और भवन की रंगाई-पोताई आदि का कार्य भी कराया जाएगा। सभी खंड शिक्षा अधिकारियों को निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।
नवाचार की दिशा में कदम
ग्रीन और व्हाइट बोर्ड का इस्तेमाल न केवल बच्चों की दृष्टि के लिए लाभकारी है, बल्कि इससे कक्षा का माहौल भी अधिक आकर्षक और आधुनिक बनता है। यह पहल नई शिक्षा नीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
इस योजना से जिले के परिषदीय विद्यालयों में न सिर्फ बच्चों को पढ़ाई का बेहतर माहौल मिलेगा, बल्कि विद्यालयों की छवि भी बदलेगी। बेहतर ढांचा और सुविधाएं शिक्षा की गुणवत्ता को और मजबूत करेंगी।