MCH विंग में शिफ्ट होगा स्त्री व प्रसूति रोग विभाग, जिला अस्पताल को मिलेगा नया स्वरूप

अब तक मेडिसिन, नाक-कान-गला, नेत्र रोग, त्वचा रोग, बाल रोग, अस्थि रोग और जनरल सर्जरी विभाग को स्थानांतरित कर मेडिकल कॉलेज में सुचारु रूप से संचालित किया जा रहा है।
 

जिला अस्पताल का मेडिकल कॉलेज में विलय

जिला अस्पताल की संबद्धता इस वित्तीय वर्ष में समाप्त होगी

महिला मरीजों के लिए MCH विंग में शिफ्ट होगी OPD और सर्जरी

जिला स्तर की चिकित्सा सुविधाएं होंगी और बेहतर

चंदौली जिला अस्पताल की संबद्धता वर्तमान वित्तीय वर्ष में समाप्त हो रही है। इसके साथ ही यहां की सभी सेवाएं चिकित्सा महाविद्यालय के भवन में स्थानांतरित की जा रही हैं। इस क्रम में सबसे अहम स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग को मातृ-शिशु स्वास्थ्य (एमसीएच) विंग में शिफ्ट करने की तैयारी शुरू हो गई है। इस विभाग की ओपीडी में रोजाना 450 से अधिक नई और पुरानी महिला मरीज इलाज व परामर्श के लिए पहुंचती हैं। महिलाओं को बेहतर इलाज और सर्जरी की सुविधा देने के लिए यह निर्णय लिया गया है।

महाविद्यालय प्रशासन का कहना है कि एमसीएच विंग में ओपीडी के साथ ही ऑपरेशन थिएटर की भी सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। दावा है कि आगामी तीन माह के भीतर यह पूरी व्यवस्था शुरू कर दी जाएगी। फिलहाल जिला अस्पताल परिसर में मानसिक रोग और दंत चिकित्सा विभाग की ओपीडी संचालित हो रही है, लेकिन बढ़ती मरीज संख्या के मुकाबले संसाधन कम पड़ रहे हैं। अक्सर प्रबंधन और तीमारदारों के बीच खींचतान की स्थिति बन जाती है। इसी कारण सभी विभागों को चरणबद्ध तरीके से मेडिकल कॉलेज भवन में शिफ्ट किया जा रहा है।

अब तक मेडिसिन, नाक-कान-गला, नेत्र रोग, त्वचा रोग, बाल रोग, अस्थि रोग और जनरल सर्जरी विभाग को स्थानांतरित कर मेडिकल कॉलेज में सुचारु रूप से संचालित किया जा रहा है। आने वाले दिनों में बाल रोग विभाग को भी एमसीएच विंग में शिफ्ट कर दिया जाएगा। वहीं, मार्च 2026 तक जिला अस्पताल का पूर्ण विलय चिकित्सा महाविद्यालय में कर लिया जाएगा।

विलय के बाद अस्पताल में तैनात 16 चिकित्सक और 13 स्टाफ नर्स को मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) आवश्यकता के अनुसार तैनात करेंगे। जिला अस्पताल की मौजूदा बिल्डिंग का उपयोग महाविद्यालय प्रशासन कार्यालय और अन्य गतिविधियों के लिए करेगा। यहां पर 100 शैय्याओं को नेत्र, दंत और मानसिक रोगियों के लिए सुरक्षित रखा जाएगा।

इसी बीच, मेडिकल कॉलेज के लिए छह मंजिला नवनिर्मित भवन भी तैयार हो गया है। 330 शैय्यायुक्त इस भवन को हस्तांतरित कर दिया गया है। गुरुवार से भूतल वार्ड में इमरजेंसी मरीजों का भर्ती होना भी शुरू हो गया है। अधिकारियों का कहना है कि नई व्यवस्था लागू होने के बाद मरीजों को और अधिक उन्नत सुविधाएं मिलेंगी।

इस संबंध में उप प्राचार्य डॉ. नैंसी पारुल ने बताया कि एमसीएच विंग में स्त्री और बाल रोग की ओपीडी व सर्जरी की सेवाएं एक साथ संचालित होंगी। साथ ही जिला अस्पताल की पुरानी बिल्डिंग को भी अपग्रेड कर नए विभागों के संचालन के लिए उपयोग में लाया जाएगा।