..तो क्या बलुआ इलाके में पुलिस के संरक्षण में चलता है अवैध खनन, ऐसे लग रहे हैं आरोप
अवैध खनन पुलिस के लिए बना है सोने का अंडा
अधिकारियों के निर्देश भी रखे जाते हैं ठेंगे पर
थानाध्यक्ष बोले- शिकायत करने वाले प्रमाण लेकर आएं, होगी कार्रवाई
चंदौली जनपद के बलुआ थाना में अवैध खनन का धंधा जोरों पर चल रहा है। कहा जा रहा है कि ये सारा खेल पुलिस के एक हल्का इंचार्ज की मिलीभगत से रात के अंधेरे में किया जा रहा है। यह खेल थाने के लोगों की मिलीभगत से हो रहा है, इसीलिए कोई इस पर बोलने और कार्रवाई को तैयार नहीं हो रहा है।
देखा जाए तो पिछले कई दिनों से अवैध खनन का वीडियो वायरल हो रहा है और उप जिलाधिकारी द्वारा मौखिक तथा लिखित आदेश भी थानाध्यक्ष को कार्यवाही के लिए दिया गया है, उसके बाद भी पुलिस मौके पर जाकर कुछ देर के लिए काम बंद करवा दी, लेकिन अपनी सेटिंग करके उसे फिर से चालू भी करा देती है। पुलिस अधिकारियों की करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस वाली नीति बलुआ इलाके के खनन पर आकर फेल हो जा रही है। बलुआ पुलिस के हल्का इंचार्ज की वसूली की चर्चा जोरों पर हो रही है।
आपको बता दें कि चंदौली जनपद के बलुआ थाना में इन दोनों रात के अंधेरे में पुलिस के मिली भगत से अवैध खुदाई का खेल जारी है, सबसे बड़ी बात है कि जब अवैध खनन का वीडियो वायरल होते ही तत्काल उपजिलाधिकारी सकलडीहा अनुपम मिश्रा संज्ञान लेते हैं और पुलिस को कार्यवाही करने के लिए लिखित एवं मौखिक निर्देश भी दे देते हैं। उसके बाद भी बलुआ थाना की पुलिस मौके पर जाकर कुछ देर के लिए काम रूकवाती है और फिर कुछ देर बाद उसी तरह अवैध खनन का धंधा जोरों पर चालू हो जाता है।
ऐसे में मातहतों की कारस्तानी से नवागत और तेज तर्रार कहे जाने वाले थानाध्यक्ष की कार्यशैली भी संदिग्ध होती जा रही है। इलाके के लोगों में जोरों पर चर्चा है कि जनपद में पुलिस अधीक्षक का कार्य भार संभालने वाले आदित्य लांग्घे द्वारा पुलिस की अवैध कमाई पर अंकुश लगाने के लिए शुरुआती दौर में जहां थानाध्यक्षों व कारखासों के ऊपर ताबड़तोड़ कार्यवाही की थी, लेकिन अब वसूली कराने वाले लोगों ने नई फौज तैयार कर ली है। या तो कप्तान साहब इससे अंजान है या ऐसे वसूलीबाजों के आगे बेबस हैं।
बलुआ में खुलेआम पुलिस के सामने अवैध खनन का कार्य हो रहा है, लेकिन पुलिस मौके पर जाती है वहां मौजूद जेसीबी एवं ढोने वाली गाड़ी पर कोई कार्यवाही नहीं करती है। लोगों को कहना है कि जो लोग महीना देते हैं या हर टिप पर पुलिस को पैसा देते हैं उन पर कोई कार्रवाई नहीं होती है, लेकिन जो ट्रैक्टर एवं जेसीबी वाले पुलिस के सेटिंग में नहीं रहते हैं उन पर सड़क पर चलते चलते ही कार्रवाई हो जाती है।
पुरानी घटना के बारे में बताया जा रहा है कि रात के अंधेरी में चल रही जेसीबी के वीडियो का संज्ञान लेते हुए उप जिलाधिकारी सकलडीहा ने बलुआ थाना अध्यक्ष को निर्देश दिया था, जिस पर हल्का दरोगा वीरेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे थे और उन्होंने कहा कि मैं कार्य रुकवा दिया हूं। लेकिन उनके जाने के बाद फिर अवैध खनन का कार्य शुरू हो गया।
लोगों का कहना है कि अगर कोई आम नागरिक अपने घर के लिए या परमिशन लेने के बाद ईंट भट्ठे के लिए मिट्टी ले जाता है तो उसके ट्रैक्टरों को तत्काल पकड़ कर करवाई करने की धमकी दी जाती है। वहीं टोकन और सेटिंग वाले लोगों को खुलेआम खनन करने की छूट दी जाती है।
बलुआ पुलिस की इस कार्रवाई से एक ओर जहां लोगों में आक्रोश है, वही मुख्यमंत्री की जीरो टॉलरेंस वाली नीति व पुलिस अधीक्षक के अवैध कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों कार्रवाई नहीं होने से आला अफसरों पर भी सवाल खड़ा हो रहा है।
उप जिलाधिकारी अनुपम मिश्रा का आदेश
इस संबंध में उप जिलाधिकारी सकलडीहा अनुपम मिश्रा ने बताया है कि तहसील क्षेत्र में अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए जहां मेरे द्वारा टीम लगातार भ्रमण कर रही है। वहीं बलुआ तथा धानापुर थानाध्यक्ष को लिखित आदेश दिया गया है कि जहां भी अवैध खनन हो और कोई करता है तो उसे पर कार्रवाई की जाए। खनन की सूचना मिलने पर डायरेक्ट मौखिक आदेश भी दिया जा रहा है। अगर इस तरह का मामला है तो उसके खिलाफ जांच की जाएगी।
जानिए क्या बोले- बलुआ थाना प्रभारी
वहीं इस संबंध में बलुआ थाना प्रभारी ने बताया कि अवैध खनन के बारे में जो जानकारी मिल रही है, उसकी जांच करायी जाएगी। साथ ही अगर किसी की मिलीभगत है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। उनकी जानकारी में पुलिस के मिलीभगत से कोई भी अवैध खनन नहीं हो रहा है। उपनिरीक्षक वीरेंद्र कुमार वींआईपी ड्युटी में गए हैं, जिसका परमिशन है, उसे खनन करने व मिट्टी ढोने से कोई नहीं रोकेगा। फिर भी पुलिस परेशान कर रही है तो सीधे उन लोगों को मेरे से संपर्क करना चाहिए।