एकबार फिर पुलिस के लिए संकटमोचन बने इंस्पेक्टर शेषधर पांडेय, कई घंटों की पंचायत के बाद कर लिया राजी
पुलिस कप्तान के भरोसे पर खरे उतरे इंस्पेक्टर साहब
दोनों समुदायों की सहमति से सुलझा विवाद
कई दिनों से पुलिस प्रशासन की हो रही थी किरकिकी
जानिए किन बिंदुओं पर हुआ सुलह समझौता
चंदौली जिले के अलीनगर थाना क्षेत्र के धपरी गांव में शिवलिंग प्रकरण को लेकर उपजे विवाद का आखिरकार समाधान निकल आया है। सोमवार को पीडीडीयू नगर तहसील में प्रशासन की मौजूदगी में दोनों समुदायों के बीच पंचायत हुई। घंटों चली बातचीत के बाद आपसी सहमति से यह तय हुआ कि गांव की आबादी की जमीन पर करीब दो विश्वा भूमि मंदिर निर्माण हेतु दी जाएगी। इस फैसले का दोनों समुदायों ने समर्थन किया, जिससे प्रशासन ने भी राहत की सांस ली।
गौरतलब है कि 26 जुलाई को ग्राम निवासी फरहा अली की निजी जमीन पर खुदाई के दौरान शिवलिंग मिला था। ग्रामीणों की सहमति से उसे पास के मंदिर में स्थापित कर पूजा शुरू कर दी गई। अगले ही दिन एसडीएम, सीओ और थाना प्रभारी की मौजूदगी में बैठक कर सकलैन हैदर और अंसार अली ने मंदिर निर्माण हेतु एक विस्वा जमीन दान करने की बात कही थी। हालांकि, बाद में जमीन को लेकर विवाद गहराता गया। ग्रामीणों ने सकलैन पर ग्राम समाज की जमीन पर कब्जे का आरोप लगाया। राजस्व टीम ने बार-बार नापी कर दस्तावेज खंगाले, जिसमें जमीन सकलैन की पाई गई। इसके बावजूद तनाव बढ़ता गया और 3 अगस्त को कुछ लोगों ने विवादित स्थान पर तिरपाल व झंडा लगाकर पूजा-पाठ शुरू कर दिया, जिससे माहौल बिगड़ने लगा।
स्थिति को देखते हुए एसडीएम ने 6 सितंबर को 10 लोगों को तलब किया। कागजात अधूरे होने पर उन्हें जमानत नहीं मिल सकी। इस बीच पुलिस व प्रशासन लगातार समाधान की कोशिशों में जुटा रहा। सूत्रों के मुताबिक, जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक ने 7 सितंबर की रात फिर से पहल की और 8 सितंबर की सुबह तहसील परिसर में पंचायत बुलाई गई। एसडीएम अनुपम मिश्रा, सीओ कृष्ण मुरारी शर्मा, स्नेहा तिवारी, निरीक्षक शेषधर पांडेय, मुकेश तिवारी और विजय बहादुर सिंह की मौजूदगी में घंटों वार्ता चली। इसमें लोगों को मनाने में निरीक्षक शेषधर पांडेय ने खास भूमिका निभाई और जमीन के साथ-साथ रास्ते के विवाद को भी सुलझाने में मदद की।
आखिरकार, 100 रुपये के स्टांप पर लिखित सुलहनामा तैयार किया गया। प्रथम पक्ष की ओर से संजय सोनकर, जीवन बिंद, संदीप सिंह, जितेंद्र सिंह, अंकित जायसवाल, बृजेश और चंद्रिका तिवारी उपस्थित रहे, जबकि द्वितीय पक्ष से इश्तियाक हुसैन, एहसान हुसैन, फरहा अली और सकलैन हैदर ने सहमति जताई।
सुलह समझौते के तहत तीन प्रमुख बिंदुओं पर सहमति बनी। पहला, निजी भूमि आराजी संख्या 732 का मालिकाना हक केवल द्वितीय पक्ष का होगा और प्रथम पक्ष उस पर कोई दावा नहीं करेगा। दूसरा, आराजी संख्या 731 (आबादी भूमि) में दो विस्वा क्षेत्र मंदिर निर्माण के लिए निर्धारित होगा और प्राथमिक विद्यालय की बाउंड्री से सटे रास्ते का प्रयोग सभी लोग बिना बाधा के करेंगे। तीसरा, संलग्न नजरी नक्शा इस समझौते का अभिन्न हिस्सा माना जाएगा।
शिवलिंग प्रकरण को लेकर स्थानीय लोगों में चर्चा रही कि चंदौली जनपद के तेजतर्रार इंस्पेक्टर शेषधर पांडेय जैसे ही मौके पर पहुंचे, समस्या का समाधान निकल गया। लोगों का कहना था कि पांडेय जी पूर्व में भी सैयदराजा के मनराजपुर की घटना, ओवर ब्रिज विवाद और बैंक लॉकर डकैती में लॉकरधारियों को मनाने जैसी कई संवेदनशील घटनाओं में भेजे गए थे। तत्कालीन एसपी हमेशा उन पर भरोसा जताकर उन्हें ऐसी ड्यूटी पर लगाते थे। उनके शांत और दृढ़ निर्णय की वजह से हालात काबू में आ जाते थे। इस बार भी धपरी प्रकरण में उनकी तैनाती के बाद तनाव कम हुआ और लोगों को समाधान की उम्मीद बंधी।
हालांकि प्रशासन का मानना है कि आपसी सहमति से हुआ यह समाधान सामाजिक सौहार्द की मिसाल बनेगा।