सीएचसी लेवल पर कब खुलेगा जन औषधि केंद्र, कैसे मिलेंगी सस्ती दवाएं
किसी भी सीएचसी पर नहीं खुला जन औषधि केंद्र
बाहर से दवा खरीदने के लिए मरीज है परेशान
लोगों को सस्ती दवा मुहैया कराने का दावा साबित हो रहा खोखला
चंदौली जिले में सरकार ने मरीजों के लिए सस्ती दवा मुहैया कराने को प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र खोलवाने का आदेश दिया था। लेकिन, पांच साल बीतने के बावजूद जिले के किसी भी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इनकी स्थापना नहीं हो सकी। इसके पीछे तरह तरह की दलीलें दी जाती हैं।
आपको बता दें कि अस्पताल में सरकारी दवा की उपलब्धता न होने पर मरीजों को निजी मेडिकल स्टोर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ रहीं हैं। वर्ष 2018 में केंद्र सरकार ने यह महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। इसमें सभी सरकारी अस्पतालों में जन औषधि केंद्र खोले जाने की घोषणा की गई थी। उस समय जिला अस्पताल में एक जन औषधि केंद्र खोल भी दिया गया था।
लेकिन उसके बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने किसी भी सीएचसी पर इन केंद्रों को खोलने के लिए गंभीरता नहीं दिखाई गई। जन औषधि केंद्रों पर करीब 1600 तरह की जेनरिक दवाओं के साथ ही सर्जिकल सामान की भी उपलब्धता रहती है, जो कि बाजार की ब्रांडेड दवाओं व सामान से सस्ते होते हैं। उद्देश्य यही था कि सरकारी आपूर्ति में दवाओं की कमी होने पर मरीजों को इन केंद्रों से सस्ती दवा उपलब्ध हो सके।
जिले में यहां है सीएचसी
जनपद के धानापुर, भोगवारा, नौगढ़, सकलडीहा व मैदी में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है। इन केंद्रों से लगभग दस लाख की आबादी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लेती है। केंद्र में दवा नहीं होने पर चिकित्सक मेडिकल स्टोर की महंगी दवाएं लिख देते हैं।
यहां हैं जन औषधि केंद्र
जिला अस्पताल परिसर में औषधि केंद्र बनाया गया। 2018 में में जन चकिया जिला संयुक्त चिकित्सालय में खुले केंद्र में नाम मात्र की ही दवाएं रहती हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि संचालक मेडिकल स्टोर से दवा लाकर बिक्री करता है। इन अस्पतालों के अतिरिक्त नगर व ग्रामीण क्षेत्रों में भी लाइसेंस लेकर फार्मासिस्ट पीएम जन औषधि केंद्र का संचालन करते हैं। यहां भी दवाओं की कमी रहती है।
इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर वाईके राय ने बताया कि जितनी भी दवाएं जरूरी है, सभी सरकारी आपूर्ति में उपलब्ध है और मरीजों को दी जा रही हैं। सीएचसी पर जन औषधि केंद्र खोले जाने का कोई आदेश अभी तक नहीं मिला है। इसलिए नहीं खोले जा रहे हैं।