कस्तूरबा बालिका विद्यालय निर्माण में धांधली का आरोप, खराब क्वालिटी की सफेद गिट्टी से हो रही छत की ढलाई

 

चंदौली जिले में कस्तूरबा आवासीय विद्यालय कमीशनखोरी की भेंट चढ़ने जा रहा है। यहां पर बालिकाओं का भविष्य खतरे में है। निर्माणाधीन आवासीय विद्यालय में घटिया सामग्री पर ग्रामीण नाराज हैं।

 
 

 कस्तूरबा आवासीय विद्यालय बनाने में घोटाला 


  शिक्षा विभाग में जारी है कमीशनखोरी व लापरवाही का मंजर


 घटिया निर्माण सामग्री की हो रही है शिकायत


 सीएमडीसी कंपनी का निर्माण कार्य सवालों के घेरे में


 एवती गांव में बन रहा है कस्तूरबा आवासीय विद्यालय

चंदौली जिले से सरकारी निर्माण कार्यों में बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। धानापुर विकासखंड के एवती गांव में निर्माणाधीन कस्तूरबा आवासीय बालिका विद्यालय में मानकों को ताक पर रखकर काम कराए जाने के गंभीर आरोप लग रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि निर्माण कार्य में गुणवत्ता की खुलेआम अनदेखी की जा रही है, जिससे भविष्य में भवन की मजबूती और छात्राओं की सुरक्षा पर खतरा मंडरा सकता है।

सफेद गिट्टी और घटिया सीमेंट का उपयोग
विद्यालय निर्माण की जिम्मेदारी सीएमडीसी (CMDC) नामक कंपनी को सौंपी गई है। स्थानीय ग्रामीणों, जिनमें संजय पांडेय, अशोक सिंह, मुकेश यादव और सुरेंद्र शामिल हैं, ने मौके पर विरोध जताते हुए बताया कि विद्यालय की ढलाई के लिए उस सफेद गिट्टी का उपयोग किया जा रहा है जो आमतौर पर सड़क निर्माण में प्रयुक्त होती है। नियमानुसार छत की ढलाई के लिए उच्च गुणवत्ता की ग्रेनाइट गिट्टी का उपयोग होना चाहिए, लेकिन यहाँ ठेकेदार मानकों के विपरीत काम कर रहा है।

अधिकारियों पर कमीशनखोरी और मिलीभगत के आरोप
ग्रामीणों का रोष केवल ठेकेदार तक सीमित नहीं है। उन्होंने शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी तीखा हमला बोला है। आरोप है कि विभागीय अधिकारियों और ठेकेदार के बीच कमीशनखोरी का गठजोड़ चल रहा है। यही कारण है कि बार-बार शिकायत के बावजूद निर्माण सामग्री (ईंट, बालू, सीमेंट) की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं किया गया। वर्तमान में हो रही छज्जे की ढलाई में भी सामग्री का अनुपात सही नहीं पाया गया है, जिससे स्थानीय लोगों में किसी बड़े हादसे का डर बना हुआ है।

क्या कहते हैं जिम्मेदार अधिकारी?
इस पूरे प्रकरण पर जब जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA) चंदौली, सचिन कुमार से बात की गई, तो उन्होंने मामले की गंभीरता को स्वीकार किया। उन्होंने पुष्टि की कि इस संबंध में उन्हें पहले भी शिकायतें प्राप्त हुई हैं। बीएसए ने आश्वासन दिया है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जा रही है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि यदि जांच में सामग्री की गुणवत्ता खराब पाई जाती है या अनियमितता की पुष्टि होती है, तो ठेकेदार और संबंधित लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कठोर वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।