PM सम्मान निधि लेना है तो मान लीजिए सरकार की ये बात, नहीं तो बंद हो जाएगी आपकी किस्त
18 नवंबर से 31 दिसंबर तक चलेगा किसान रजिस्ट्री का विशेष अभियान
किसान रजिस्ट्री के प्रथम चरण का कार्य हुआ आरंभ
किसानों को जल्दी से उठाना होगा लाभ
इससे होंगे किसानों को कई तरह के फायदे
चंदौली जिले में शासन ने एग्रीस्टैक (डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर फार एग्रीकल्चर) के तहत फार्मर रजिस्ट्री तैयार करने का निर्देश दिया है। इसके तहत 18 नवंबर से 31 दिसंबर तक विशेष अभियान चलाया जाएगा। फार्मर रजिस्ट्री का कार्य दो चरणों में पूर्ण किया जाएगा। प्रथम चरण आरंभ हो गया है। वहीं दूसरे चरण में जन अभियान के रूप में ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर का आयोजन किया जाएगा।
आपको बता दें कि किसान स्वयं से, कामन सर्विस सेंटर में फार्मर रजिस्ट्री तैयार करा सकते हैं। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की आगामी किस्त भी उन्हीं किसानों को मिलेगी, जो फार्मर रजिस्ट्री कराएंगे। जनपद में लगभग 2.35 लाख अन्नदाताओं को सम्मान निधि मिलती है।
प्रथम चरण में कृषक सेल्फ मोड में योजना के लिए पोर्टलhttp:// upfr.agristack.gov.in मोबाइल ऐप फार्मर रजिस्ट्री यूपी के माध्यम से स्वयं रजिस्ट्रेशन कर सकेंगे। सेल्फ मोड के साथ संचालित जन सुविधा केंद्रों का प्रयोग कर निर्धारित शुल्क देकर फार्मर रजिस्ट्री करा सकेंगे।
द्वितीय चरण में जन अभियान के तहत ग्राम पंचायत स्तर पर शिविर का आयोजन किया जाएगा।इसके तहत किसानों का आनलाइन डाटा तैयार किया जाएगा। इसमें किसानों को सभी भूखंडों की खतौनी, मूल आधार कार्ड, आधार कार्ड से लिंक मोबाइल नंवर, मोबाइल पर प्राप्त ओटीपी शिविर में टीम को साझा करना होगा।
दरअसल रजिस्ट्री का कार्य बीते आठ जुलाई से होना था, लेकिन एप में तकनीकी गड़बड़ी से कार्य बाधित हो गया। रजिस्ट्री का कार्य पूरी तरह निःशुल्क होगा।
किसान रजिस्ट्री से होगा फायदा
किसान को किसी प्रकार का ऋण लेने के लिए बार-बार राजस्व रिकार्ड देना पड़ता है। किसान रजिस्ट्री होने से उनके नंबर को संबंधित एप पर डालकर उसका पूरा विवरण देखा जा सकेगा। इससे किसान कल्याण की योजनाएं बनाने और उसके क्रियान्वयन में आसानी होगी। लाभार्थियों के सत्यापन, कृषि उत्पाद के विपणन और और अन्य वित्तीय मामलों में भी सहूलियत होगी। इसके साथ ही पीएम किसान सम्मान निधि का भुगतान, फसली ऋण के लिए किसान क्रेडिट कार्ड, फसल बीमा, आपदा के दौरान किसानों को क्षतिपूर्ति देने के लिए किसानों को चिन्हित करने में भी आसानी होगी।
यह होगा विवरण
रजिस्ट्री में संबंधित किसान का नाम, पिता का नाम, स्वामित्व वाले सभी गाटा संख्या, सह खातेदार होने की स्थिति में गाटे में किसान का अंश, मोबाइल नंबर, आधार नंबर, इकेवाइसी विवरण आदि दर्ज होगा। किसी प्रकार के स्वामित्व हस्तांतरण विरासत बैनामा आदि होने पर किसान रजिस्ट्री में बदलाव किया जा सकेगा। इसमें किसान के हर गाटे में दो सत्र में बोई जाने वाली फसल का विवरण भी शामिल किया जाएगा।
इस संबंध में उप कृषि निदेशक भीमसेन का कहना है कि किसान रजिस्ट्री के लिए प्रथम चरण का कार्य आरंभ हो गया है। इससे किसानों को योजनाओं का लाभ मिलेगा। किसी तरह की धांधली की गुंजाइश नहीं रहेगी।