ऐसी हैं चंदौली की नयी CDO साहिबा, जानिए डॉक्टर से IAS बनने का पूरा सफरनामा
 

आईएएस अपराजिता सिंह सिनसिनवार एक चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े परिवार से हैं। उनके दोनों छोटे भाई उत्कर्ष और आयुष के साथ ही उनकी माँ डॉ. नीता और पिता डॉ. अमर सिंह भी चिकित्सक हैं। सभी राजस्थान के भरतपुर जिले में चिकित्सा सेवा करते हैं।
 

नयी मुख्य विकास अधिकारी डॉ. अपराजिता सिंह

परिवार में हैं कई डॉक्टर तो बदल लिया अपना प्रोफेशन

आंध्र प्रदेश कैडर के बाद यूपी कैडर में आ गयीं अपराजिता

एक आईपीएस अफसर से की है शादी

चंदौली जिले में तैनात नयी मुख्य विकास अधिकारी अपराजिता सिंह एक ऐसी प्रशासनिक अधिकारी हैं, डॉक्टर  से आईएएस अधिकारी बनीं हैं। अपराजिता सिंह ने यूपीएससी की तैयारी के दौरान फ्रैक्चर हो गया था, इसके बावजूद उनको ऑल इंडिया में 82वीं रैंक मिलीं।

यह आईएएस अपराजिता सिंह सिनसिनवार की सफलता की कहानी है, जिन्होंने यूपीएससी परीक्षाओं में 82वीं रैंक प्राप्त करके सफलता हासिल करने के लिए कई बाधाओं को पार किया।

व्यवसाय, इंजीनियरिंग, चिकित्सा और अन्य सहित विभिन्न क्षेत्रों के अभ्यर्थी यूपीएससी उत्तीर्ण करने के लक्ष्य के साथ आते हैं। हर साल, लाखों उत्सुक आवेदक परीक्षा के लिए अपनी तैयारी करते हैं, लेकिन केवल कुछ चुनिंदा लोग ही आईएएस, आईपीएस आदि बनने के अपने सपने को पूरा करने में सफल होते हैं। यह कारनामा अपराजिता सिंह ने भी कर दिखाया था।

बताया जा रहा है कि आईएएस अपराजिता सिंह सिनसिनवार एक चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े परिवार से हैं। उनके दोनों छोटे भाई उत्कर्ष और आयुष के साथ ही उनकी माँ डॉ. नीता और पिता डॉ. अमर सिंह भी चिकित्सक हैं। सभी राजस्थान के भरतपुर जिले में चिकित्सा सेवा करते हैं।

 अपराजिता ने हरियाणा के रोहतक में अपने नाना-नानी के घर में स्कूल की पढ़ाई की। उन्होंने 2017 में पोस्ट-ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (पीजीआईएमएस) से एमबीबीएस में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। अपराजिता को वह समय याद आया जब स्कूल में उनकी लिखावट इतनी खराब थी कि उनके शिक्षक ने उन्हें परीक्षा में ग्रेड देने से भी इनकार कर दिया था।

अपराजिता सिंह ने मेडिकल स्कूल से स्नातक करने के बाद 2017 में पहली बार यूपीएससी परीक्षा दी। वह इसके लिए क्वालीफाई नहीं कर पाईं, लेकिन उन्होंने तुरंत और अधिक परिश्रम के साथ अपनी तैयारी शुरू कर दी। 2018 में 82वीं रैंक के साथ उन्होंने सफलता हासिल की। एक सरकारी पद के लिए आवेदन करते समय उन्हें चिकनगुनिया हो गया। उन्हें फ्रैक्चर भी हुआ था, लेकिन जैसे ही उन्हें बुखार से बेहतर महसूस हुआ, लेकिन उन्होंने बिना कोई ब्रेक लिए परीक्षा के लिए पढ़ाई शुरू कर दी।

इनको आंध्र प्रदेश कैडर मिला था। आईएएस अपराजिता सिंह सिनसिनवार  सोशल मीडिया पर वह आज भी काफी एक्टिव रहती हैं। वह अक्सर सोशल मीडिया पर तस्वीरें अपलोड करती रहती हैं। अपराजिता सिंह सिनसिनवार के मुताबिक अगर कोई खुद से ठान ले तो कोई भी बाधा उसका रास्ता नहीं बदल सकती। 

अपनी आंध्र प्रदेश में तैनाती के बाद उन्होंने आईपीएस अफसर देवेन्द्र कुमार से शादी कर ली और उसके बाद उनका कैडर भी बदल गया। अब वह अपने पति के साथ यूपी कैडर में तैनात हैं।