बरहनी ब्लाक में अधिकतर ग्राम पंचायतें हैं ऐसी, कम्प्यूटर का पता नहीं, बैठा दिए पंचायत सहायक
 

बरहनी ब्लाक में अधिकतर ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां कंप्यूटर ही नहीं। कुछ ग्राम पंचायतों में तो पंचायत भवन भी नहीं है। कई ग्राम पंचायत भवनों में अभी भी ताला लटक रहा है। 

 

बरहनी ब्लाक में अधिकतर ग्राम पंचायतें हैं ऐसी

कम्प्यूटर का पता नहीं, बैठा दिए पंचायत सहायक

चंदौली जिले में आमजन की सहूलियत के लिए शासन ने सभी ग्राम पंचायतों में पंचायत सहायक नियुक्त किए हैं। ग्राम पंचायतों में कंप्यूटर, इंटरनेट, बिजली, फर्नीचर समेत अन्य संसाधन उपलब्ध होने के आदेश जारी हो गए थे, लेकिन सहायकों की भर्ती के बाद भी खरीद नहीं हुई। बरहनी ब्लाक में अधिकतर ग्राम पंचायतें ऐसी हैं, जहां कंप्यूटर ही नहीं। कुछ ग्राम पंचायतों में तो पंचायत भवन भी नहीं है। कई ग्राम पंचायत भवनों में अभी भी ताला लटक रहा है। 

आप को बता दें कि बरहनी ब्लाक के लोकमानपुर ग्राम पंचायत के पास पंचायत भवन ही नहीं है। इसकी वजह से ना तो वहां कंप्यूटर की खरीद हो पाई है ना तो मेज कुर्सी। ग्राम प्रधान रामसागर सिंह ने बताया कि शासन के आदेश पर गांव में पंचायत सहायक के रूप में सौम्या सिंह की नियुक्ति हुई है, जो पंचायत भवन न होने के कारण आफिस नहीं आ पाती हैं। गांव में पंचायत भवन के लिए जगह चिह्नित की गई है, लेकिन उक्त जमीन पर अतिक्रमणकारियों और दबंगों का कब्जा है। इसकी शिकायत उच्चाधिकारियों से कई बार की गई, लेकिन आज तक अतिक्रमणमुक्त नहीं कराया जा सका। 

इस सम्बन्ध में पंचायत सहायक ने बताया कि नियुक्ति के बाद बाद भी न तो यहां मेज कुर्सी या कंप्यूटर है और न ही कोई दफ्तर। ऐसे में कैसे काम कर पाएंगी। केस दो


जानकारी के अनुसार नौबतपुर में पंचायत सहायक के रूप में रुचि गुप्ता की नियुक्ति हुई है। जो पंचायत भवन तो आती हैं और यहां बैठती भी हैं, लेकिन पंचायत भवन में कंप्यूटर और इंटरनेट कनेक्शन नहीं मिला है। इसकी वजह से ग्रामीणों के आनलाइन प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहे हैं। 

इस संबंध में ग्राम प्रधान रूबी जायसवाल ने बताया कि जल्द ही ग्राम पंचायत में कंप्यूटर और इंटरनेट की व्यवस्था कर दी जाएगी। इससे ग्रामीणों को सहूलियत होगी। 


आप को बता दें कि बरहनी ब्लाक के नारायणपुर गांव में ग्राम पंचायत के पास अपना पंचायत भवन ही नहीं है। इसकी वजह से पंचायत सहायक कोई कार्य नहीं कर पा रहे हैं। वहां के प्रधान शैलेंद्र यादव ने बताया कि पंचायत भवन के लिए स्थान चिह्नित किया गया है लेकिन इस पर अवैध कब्जा है। इससे पंचायत भवन नहीं बन पाया है। इसको लेकर उच्चाधिकारियों को कई बार प्रार्थना पत्र भी दिया जा चुका है। 


पंचायत सहायक रामप्रताप यादव ने बताया कि पंचायत की तरफ से कंप्यूटर में इंटरनेट और बैठने की सुविधा ही नहीं उपलब्ध कराई गई है। इसलिए अभी घर से ही काम करते हैं।