Lekhpal Bharti 2025: क्या लेखपाल भर्ती में हो रहा है ओबीसी आरक्षण का उल्लंघन, भाजपा नेता ने की CM योगी से मांग
लेखपाल भर्ती में 27% ओबीसी आरक्षण के कथित उल्लंघन को लेकर शहाबगंज में विरोध तेज हो गया है। भाजपा मंडल अध्यक्ष रिंकू विश्वकर्मा ने विधायक कैलाश आचार्य को पत्र सौंपकर मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने और विसंगतियां दूर करने की मांग की है।
लेखपाल भर्ती ओबीसी आरक्षण विसंगति की शिकायत
भाजपा मंडल अध्यक्ष ने विधायक कैलाश आचार्य को दिया ज्ञापन
27 प्रतिशत कोटे की सरकार से कर रहे मांग
मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप करने की फरियाद
उत्तर प्रदेश में लेखपाल भर्ती की चयन प्रक्रिया एक बार फिर चर्चाओं के केंद्र में है। इस बार मामला ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) आरक्षण में कथित अनियमितताओं को लेकर गर्माया हुआ है। शहाबगंज भाजपा मंडल के अध्यक्ष रिंकू विश्वकर्मा ने इस विषय को गंभीरता से लेते हुए क्षेत्रीय विधायक कैलाश आचार्य से मुलाकात की। उन्होंने विधायक को एक औपचारिक पत्रक सौंपते हुए भर्ती प्रक्रिया में संवैधानिक नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया है। मंडल अध्यक्ष का कहना है कि लेखपाल भर्ती के वर्तमान परिणामों में पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों के हितों की अनदेखी की गई है।
संवैधानिक आरक्षण के पालन की उठाई मांग
विधायक को सौंपे गए पत्रक में रिंकू विश्वकर्मा ने स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि नियमानुसार पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलना अनिवार्य है। हालांकि, अभ्यर्थियों और स्थानीय नेताओं का आरोप है कि उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UPSSSC) द्वारा जारी की गई सूची में इस कोटे का पूर्ण रूप से पालन नहीं किया गया है। भाजपा मंडल अध्यक्ष ने तर्क दिया कि उत्तर प्रदेश की योगी सरकार हमेशा से पारदर्शी भर्ती और सामाजिक न्याय के प्रति संकल्पित रही है, लेकिन आयोग के स्तर पर हुई इस कथित त्रुटि से सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे हैं।
मुख्यमंत्री के हस्तक्षेप और छवि सुरक्षा की अपील
मंडल अध्यक्ष ने विधायक कैलाश आचार्य से विशेष अनुरोध किया है कि इस संवेदनशील मामले को अविलंब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संज्ञान में लाया जाए। उन्होंने चिंता व्यक्त की कि यदि आरक्षण से जुड़ी इन विसंगतियों को समय रहते दूर नहीं किया गया, तो विपक्षी दल इसे एक राजनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे न केवल जनता के बीच सरकार की छवि धूमिल होने का खतरा है, बल्कि युवाओं के बीच भी असंतोष पनप सकता है। उन्होंने मांग की है कि भर्ती की चयन सूची का पुनरीक्षण कर ओबीसी वर्ग के लिए संशोधित सूची जारी की जाए।
विधायक ने दिया उचित कार्रवाई का भरोसा
क्षेत्रीय विधायक कैलाश आचार्य ने भाजपा मंडल अध्यक्ष की बातों को ध्यानपूर्वक सुना और इस मुद्दे की गंभीरता को स्वीकार किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि वह इस पत्रक को संबंधित विभाग और उच्च अधिकारियों तक पहुंचाएंगे ताकि भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। विधायक ने कहा कि भाजपा सरकार युवाओं के हक के लिए प्रतिबद्ध है और किसी भी पात्र अभ्यर्थी के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। इस मुलाकात के बाद क्षेत्र के ओबीसी अभ्यर्थियों में न्याय की उम्मीद जगी है और अब सभी की निगाहें शासन के अगले कदम पर टिकी हैं।