जेल जाने से नहीं डरूंगा, किसानों के साथ अन्याय हुआ तो होगा बड़ा आंदोलन
प्रशासन की पहल व मुआवजे का इंतजार
डीह व आबादी की जमीन पर बसे लोगों के हक की लड़ाई
सपा नेता ने प्रशासन को दी है एक और मोहलत
जरूरत पड़ी तो बड़े आंदोलन की तैयारी
चंदौली जिले में किसानों के मुद्दे पर मुखर रहने वाले समाजवादी पार्टी के दिग्गज नेता मनोज सिंह डब्लू ने रविवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत महापंचायत में किसानों व गरीब ग्रामीणों की आवाज को मजबूती के साथ उठाया। इस दौरान उन्होंने चंदौली से सैदपुर तक हो रहे सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित ग्रामीणों व किसानों के हक की बात कही।
सपा नेता ने कहा कि गरीब ग्रामीणों को जो डीह व आबादी की जमीन पर बसें हैं, उनके जमीन के बदले जमीन देकर विस्थापन की प्रक्रिया को पूर्ण किया जाए। यदि यह संभव न हो तो फगुईयां में फ्लाई ओवर का निर्माण कराया जाए, जिससे किसी का भी घर-मकान व दुकान टूटने ना पाए। इस पर सकलडीहा एसडीएम मनोज पाठक ने कहा कि फ्लाईओवर निर्माण की बात मेरे स्तर की नहीं है, लेकिन गरीबों को बसाने के लिए जमीन देने का प्रयास होगा। इसके लिए क्षेत्रीय लेखपाल से बात कर गांव की जानकारी ली जाएगी।
उपजिलाधिकारी को सपा नेती की नसीहत
किसान महापंचायत में नियमों की दुहाई देने वाले एसडीएम सकलडीहा मनोज पाठक पर सपा नेता मनोज सिंह डब्लू ने पलटवार किया। कहा कि नियमों की बाद चंदौली का प्रशासन ना ही करे तो बेहतर है। कहा कि देश में यह पहला जिला है जहां जिला न्यायालय की जमीन के लिए जिला प्रशासन ने जमीन रजिस्ट्री कराने की प्रक्रिया अमल में लायी। हिन्दुस्तान में इस तरह का पहला मामला चंदौली में देखने को मिला है। जिससे यह साफ है कि चंदौली में नियम कायदे का कोई अता-पता नहीं है। तंज कसते हुए कहा कि चंदौली की हालत यह हो गई कि यहां अंधा पीस रहा है और कुत्ता खा रहा है। यदि चंदौली में सबकुछ नियम-अधिनियम के तहत होता तो फगुईयां में महापंचायत करने की जरूरत ही नहीं पड़ती।
इस दौरान मनोज सिंह डब्लू ने कहा कि चंदौली से सैदपुर तक 492 करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण कराया जा रहा है। इस परियोजना के कारण सैदपुर घाट से चंदौली तक हजारों लोगों के मकान व दुकान सड़क चौड़ीकरण की जद में है। गत दिनों बिना मुआवजा के ही गुंडई के बल पर लोगों के मकान व दुकानों को जेसीबी से तोड़ने का प्रयास किया गया। ऐसे में जब ग्रामीण मुखर हुए तो ठेकेदार के कर्मचारी गुंडई पर उतर आए और ऐसे मामले से सकलडीहा तहसील प्रशासन, एसडीएम व पीडब्ल्यूडी के एक्सईएन 17 अगस्त तक पूरी तरह से अनजान रहे।
आगे फिर से महापंचायत होगी
मामला संज्ञान में आने के बाद डीएम चंदौली द्वारा मुआवजे को लेकर एक सप्ताह में सकारात्मक पहल का भरोसा दिया गया था। उस अवधि के पूर्ण होने के बाद फगुईयां में किसान महापंचायत बुलाई गई। जिसमें स्थानीय ग्रामीणों व किसानों ने दो मांगों पर सहमति जताई है, जिसे एसडीएम सकलडीहा के समक्ष रखा गया। उन्होंने ग्रामीणों की मांग को मंच से रखते हुए कहा कि ग्रामीण जहां बसे हैं, उसकी बाजारू मालियत के हिसाब से जमीन चाहते हैं ताकि वह फिर से अपना आशियाना बना सके।
इसके साथ ही ग्रामीणों का यह कहना है कि यदि जमीन के जमीन नहीं दी जा सकती है तो फगुईयां में ओवरब्रिज निर्माण कर सड़क निर्माण कराया जाए, ताकि किसी का घर-मकान ना टूटे। एसडीएम सकलडीहा को स्पष्ट कहा कि यदि आपसे हो सके तो करिए नहीं तो कोई बात नहीं। कहा कि किसी भी हाल में ग्रामीणों के साथ जोर-जबरदस्ती बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सड़क का चौड़ीकरण नियमों के हिसाब से हो। कहा कि ग्रामीणों की मांग को पूरा करने के लिए प्रशासन को और वक्त लेना है तो ले ले। आगे फिर से महापंचायत होगी।
जेल में जाने से नहीं डरते हैं
उन्होंने स्पष्ट कहा कि जनहित में आवाज बुलंद करने पर उन्हें जेल में डालना है, तो डाल दें। उसके बाद भी पैनल बनाकर महापंचायत कराने का काम होगा। किसी भी हाल में ग्रामीणों के हक पर अतिक्रमण किसी को करने नहीं दिया जाएगा, चाहे वह चंदौली का जिला प्रशासन ही क्यों न हो।
इस अवसर पर किसान नेता महेंद्र यादव, शमीम मिल्की, संतोष उपाध्याय, सरिता सिंह, हीरावती विश्वकर्मा, गुड्डू सिंह आदि उपस्थित रहे।