भाजपा की 9 पोल खोलने निकले हैं मनोज सिंह, पहले दिन दिखायी पॉलीटेक्निक की हकीकत

भाजपा सरकार नौजवानों व छात्रों के हितैषी होने का ढोंग कर रही है। सही मायने में भाजपा बच्चों की प्राइमरी से लेकर उच्च व टेक्निकल शिक्षा में सबसे बड़ी बाधक है। भाजपा के एजेंडे में सिर्फ चुनाव लड़ना और जीतना प्राथमिकता है।
 

नौ वर्ष का कार्यकाल पूरा होने का जश्न पर सवाल

जिला है बदहाल नेता कर रहे योगी-मोदी का गुणगान

इस पर ध्यान क्यों नहीं दे रहे सांसद-विधायकजी

 

भारतीय जनता पार्टी केन्द्र के नौ वर्ष का कार्यकाल पूरा होने का जश्न मना रही है और इसी कड़ी में जनपद के भाजपाई गांव-गांव नौ साल बेमिशाल की झूठी, भ्रामक उपलब्धियां गिनाकर जनता को छलने का काम कर रही है। इसी कड़ी में भाजपा के नौ साल की नौ नाकामियों को गिनाने और उसे जनता को अवगत कराने के अभियान का आज आगाज हो रहा है। इस कड़ी में सर्वप्रथम शिक्षा जैसे अतिमहत्वपूर्ण विषय को चुना गया है। पंडित कमलापति त्रिपाठी जिन्होंने नई को पहचान व अस्तित्व प्रदान किया, आज भाजपा सरकार व उनके जनप्रतिनिधि विकास पुरूष पंडित कमलापति त्रिपाठी के अस्तित्व को मिटाने पर तुली है।

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पंडित कमलापति ने चंदौली के छात्रों को तकनीकी शिक्षा से जोड़ने के लिए चंदौली पालीटेक्निक की स्थापना की, जो आज प्रशासनिक व राजनीतिक उपेक्षा के दंश झेल रहा है। स्थिति यह है कि एक के बाद एक शिक्षक वकर्मचारी सेवानिवृत्त होते जा रहे हैं। नए शिक्षकों व कर्मचारियों की तैनाती नहीं हो रही है। संसाधन भी तेजी से घटते जा रहे हैं। पालीटेक्निक परिसर में बने छात्रों के छात्रावास को छह वर्ष पूर्व बंद कर दिया गया, क्योंकि भवन इतना जर्जर हो चुका है कि कब कौन सा हिस्सा कहां से गिर पड़े यह कहा नहीं जा सकता। तकनीकी पेंच के कारण 2015 में बनकर तैयार हो चुके छात्राओं के छात्रावास को चालू नहीं किया जा सका।

यह राजनीतिक व प्रशासनिक इच्छा शक्ति के अभाव का सबसे बड़ा उदाहरण है। इसके अलावा आवासी भवनों में जिलाधिकारी चंदौली समेत अन्य जिला स्तरीय अफसरों का रिहायश है, जिससे कालेज के शिक्षकों को बाहर रहना पड़ता है। इस संबंध में पालीटेक्निक के प्रधानाचार्य महेंद्र सिंह से वार्ता की गई, जो आगामी जुलाई माह में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। ऐसे में बच्चों की तकनीकी पढ़ाई रामभरोसे चल रही है। इन तमाम परिस्थितियों के लिए भाजपा सरकार सीधे तौर जिम्मेदार है।

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कहा कि भाजपा सरकार नौजवानों व छात्रों के हितैषी होने का ढोंग कर रही है। सही मायने में भाजपा बच्चों की प्राइमरी से लेकर उच्च व टेक्निकल शिक्षा में सबसे बड़ी बाधक है। भाजपा के एजेंडे में सिर्फ चुनाव लड़ना और जीतना प्राथमिकता है। यही वजह है कि यह नए स्कूल-कालेज की स्थापना की बात तो दूर जो स्कूल-कालेज संचालित है उन्हें वित्त व संसाधनों से विहीन करके बंद करने का षड्यंत्र कर रही है। भाजपा की सोच देश में अशिक्षित व बेरोजगार युवाओं की फौज तैयार करना है ताकि उसके चुनाव जितने का एजेंडा सफल हो सके।


इसी उद्देश्य से भाजपा लगातार शिक्षण संस्थानों के अस्तित्व को मिटाने पर तुली है जिसका जीता जागता उदाहरण चंदौली पालीटेक्निक कालेज है जो पंडित कमलापति त्रिपाठी जी की यादों को अपने आप में समेटे है। लगातार कई वर्षों से यहां शिक्षकों के पद रिक्त चल रहे हैं। छात्रों के रहने के हास्टल मरम्मत के अभाव में जर्जर हो गए, जिसे बन्द कर दिया गया है। वहीं करोड़ों की लागत से तैयार छात्राओं के छात्रावास को भी सरकार चालू कराने में नाकाम रही है। डबल इंजन की सरकार दो गुनी ताकत से बच्चों के भविष्य पर प्रहार कर रही है। यही वजह है कि भाजपा सरकार में चंदौली जनपद में एक भी नया स्कूल-कालेज की स्थापना का कार्य अब तक नहीं हुआ।