आखिर सैयदराजा में इतनी मेहनत क्यों कर रहे हैं विधायक जी, ये है असली कारण
 

 भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुशील सिंह को बाहरी बता कर समाजवादी पार्टी अक्सर उनको घेरने की कोशिश करती है। इसी का जवाब सैयदराजा विधानसभा में विधायक सुशील सिंह एक बार फिर से देना चाह रहे हैं।
 

विधायक की प्रतिष्ठा से जुड़ा है सैयदराजा नगर पंचायत का चुनाव

सपा से महसूस हो रहा है खतरा

 चुनाव की नब्ज देखकर कर रहें हैं बैठकें

 प्रत्याशी की जगह सम्मान पा रहे हैं टुन्नु कबाड़ी


 चंदौली जिले की सैयदराजा नगर पंचायत में सैयदराजा के भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुशील सिंह जरूरत से ज्यादा मेहनत करते देखे जा रहे हैं। विशाल मद्धेशिया उर्फ टुन्नू कबाड़ी की पत्नी रीता मद्धेशिया नामांकन के बाद से ही विधायक जी अपनी सक्रियता सैयदराजा इलाके में पहले से अधिक बनाए रखे हैं। भाजपा के कार्यालय के उद्घाटन के बाद से विधायक जी लगातार लोगों से जनसंपर्क और छोटी जनसभाओं का कार्यक्रम करते जा रहे हैं।

नगर पंचायत अध्यक्ष भाजपा प्रत्याशी रीता मद्धेशिया के साथ साथ वार्डों में भी जनसभाएं करके लोगों को भाजपा के लिए एक और मौका मांग रहे हैं ताकि नगर पंचायत के अधूरों कार्यों को पूरा किया जा सके। 

विधायक जी हिंदू बाहुल्य के साथ साथ मुस्लिम बाहुल्य इलाके में भी अपनी सक्रियता बरकरार रखने की कोशिश कर रहे हैं। इसीलिए पह  वार्ड नंबर 3 हसरत मोहानी नगर के भाजपा प्रत्याशी नौशाद के पक्ष में जनसभी की। इसी तरह का काम वह अन्य वार्डों में कर रहे हैं।

इतना ही नहीं विधायक जी कई मोहल्लों में जाकर थोड़े बहुत नाराज चल रहे मतदाताओं को मनाने और समझाने की कोशिश भी कर रहे हैं। माना जा रहा है कि सैयदराजा विधानसभा क्षेत्र की इकलौती नगर पंचायत में हार जीत विधायक जी की भी प्रतिष्ठा से जुड़ी है। यहां पर हार-जीत का एक बड़ा संदेश जाएगा। 

इस चुनाव में भाजपा किसी भी तरह से हार मानने को तैयार नहीं है। सैयदराजा नगर पंचायत क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी को भी ऐसा लग रहा है कि पिछले नगर पंचायत के कार्यकाल का थोड़ा बहुत निगेटिव असर मतदान पर पड़ सकता है। मतदाताओं की नाराजगी पार्टी के लिए भारी पड़ सकती है। इसलिए चुनाव प्रचार का जिम्मा विधायक जी ने खुद संभाल रखा है। वह लोगों के बीच बने हुए हैं और मतदान के पहले जनसभा करके लोगों की दरवाजे जाकर उनसे बातचीत करके या राह चलते लोगों का फीडबैक लेकर सैयदराजा में भाजपा की जीत सुनिश्चित कराने की कोशिश कर रहे हैं।

किसी से बात करने की फुर्सत नहीं
 भारतीय जनता पार्टी के विधायक सुशील सिंह को बाहरी बता कर समाजवादी पार्टी अक्सर उनको घेरने की कोशिश करती है। इसी का जवाब सैयदराजा विधानसभा में विधायक सुशील सिंह एक बार फिर से देना चाह रहे हैं। इस चुनावी प्रचार में विधायक जी की व्यस्तता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि विधायक जी किसी से फोन पर बात भी करने का समय नहीं निकाल पा रहे हैं। 

अमित अग्रहरी का दावा-भारी मतों से जीत होगी
इतना ही नहीं विशाल मद्धेशिया उर्फ टुन्नू कबाड़ी ने तो प्रचार में खलल न पड़े और मीडिया और अन्य लोगों से बाता करने का जिम्मा अमित अग्रहरी को दे रखा है, ताकि किसी सवाल का सीधा जबाव न देना पड़े। अमित अग्रहरी का कहना है कि भाजपा के उम्मीदवार को जिताने के लिए सभी लोग दिन रात एक किए हुए हैं। इसका असर 4 को मतदान में और मतगणना के दिन दिखेगा। भाजपा की भारी मतों से जीत होगी।

सैयदराजा नगर क्षेत्र में सपा के पूर्व विधायक मनोज सिंह का डब्लू का भी आवास है, जबकि यहां पर सुशील सिंह का केवल पार्टी कार्यालय है। सपा नेताओं को मुस्लिम व पिछड़े वर्ग के वोटों के कारण यहां कुछ संभावनाएं दिखती हैं तो वह सपा के पक्ष में वोटों की घेराबंदी करने की कोशिश करते हैं। इसीलिए समाजवादी पार्टी की रणनीति को विफल करने के लिए सुशील सिंह एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं। ताकि 

 आपको बता दें कि सैयद राजा नगर पंचायत के चुनाव में भाजपा पहली बार सुशील सिंह की ही मेहनत से 2017 में नगर पंचायत पर कब्जा कर पाए थे। उसी इतिहास को दोहराने की एक बार फिर से कोशिश की जा रही है।

 चंदौली जिले की सैयदराजा नगर पंचायत का गठन 1971 में हो गया था, लेकिन 1989 में इस सीट पर अध्यक्ष का चुनाव होना शुरू हुआ। सन 1989 में यह सीट सामान्य सीट के रूप में घोषित की गई तब इसरार अहमद अध्यक्ष के रूप में चुनाव जीतकर पहली बार निर्वाचित अध्यक्ष बने। 1995 में सैयदराजा नगर पंचायत की सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित हो गई तो मदन प्रसाद कुशवाहा ने चुनाव जीता। 2000 में एक बार फिर यह सीट अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए सुरक्षित की गई तब अरविंद कुमार चेयरमैन बने थे। इसके बाद 2006 में जब इसका चुनाव हुआ तो यहां पर शंकर प्रसाद जायसवाल विजयी हुए।

 2012 में एक बार फिर यह सीट सामान्य घोषित हुई तब समाजवादी पार्टी के टिकट पर इम्तियाज खान पप्पू चेयरमैन बने। 2017 में यह सीट ने पिछड़ा वर्ग के लिए सुरक्षित हुयी तब भारतीय जनता पार्टी ने पहली बार यहां पर अपना परचम लहराया और वीरेंद्र जायसवाल भारतीय जनता पार्टी के चेयरमैन के रूप में नगर पंचायत सैयदराजा में काबिज हुए।