फोन पर बीवियां करती हैं ऐसी हरकत, पति शिकायत लेकर पहुंच जाते हैं थाने

चंदौली जिले में बीवी की एक आदत से परेशान पति ने अगल होने का मन बना लिया और मोबाइल फोन पर रील बनाने और घंटों बात करने के बाद हुए विवाद कोलकर वह थाने जा पहुंचा।
 

पति-पत्नी के बीच बन रही दूरी का कारण बन रहा मोबाइल

मोबाइल पर घंटो तक बात करने और रील बनाने के चक्कर में तलाक तक पहुंच जा रहा फैसला

चंदौली जिले में बीवी की एक आदत से परेशान पति ने अगल होने का मन बना लिया और मोबाइल फोन पर रील बनाने और घंटों बात करने के बाद हुए विवाद कोलकर वह थाने जा पहुंचा। जैसे ही ये मामला महिला थाने पर मामला पहुंचा तो पुलिस ने काफी मशक्कत कर समझा-बुझाकर सुलह कराया। महिला पुलिस का कहना है कि फोन अब रिश्तों को जोड़ने के बजाय तोड़ने का कारण बनता जा रहा है। 
 

चंदौली जिले के महिला थाने में अगर पूरे एक साल में आए मामलों की बात करें तो साल में 1549 ऐसे मामले आए, जिसमें 9 में मुकदमा दर्ज हुआ और कार्रवाई चल रही है। वहीं 982 मामलों में पुलिस ने सुलह कराकर मामले को निपटाया है। 

आपको बता दें कि एक तरफ जहां मोबाइल फोन दूर दराज के लोगों को पास होने का एहसास कराता है तो वहीं, नजदीक में रह रहे परिवारों को अलग कर रहा है। कुछ ऐसे ही मामले इन दोनों महिला परामर्श केंद्र यानी महिला पुलिस थाने पर आ रहे हैं। मोबाइल फोन को लेकर मियां-बीवी में दूरी बनती जा रही है। रोजाना तीन से चार मामले ऐसे आते हैं, जिसमें मोबाइल फोन से लंबे समय तक बात करने को लेकर, रील बनाने को लेकर दंपतियों के बीच में कहासुनी के बाद विवाद होता है और वह अलग होने का मामला लेकर थाने पहुंच जाते हैं। बीते दो माह में 71 मामले ऐसे आए, जिसमें मोबाइल फोन को लेकर अलग हुए दंपती को पुलिस ने सुलह कराकर घर वापस भेजा।

इस सम्बन्ध में महिला थाना प्रभारी प्रियंका सिंह ने बताया कि थाने में आए दिन पति पत्नी के बीच हुई छोटी छोटी बात को लेकर हुई कहा सुनी के बाद मामला तलाक तक पहुंच जाता है। इनमें सबसे ज्यादा मोबाइल फोन से देर रात तक बात करने, घूंघट में रील बनाने, मायके जाने को लेकर पति पत्नी के बीच कहा सुनी को लेकर, पति पत्नी के अलग होने के मामले में अन्य शिकायतें खाना बनाने को लेकर, सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने को लेकर, मायके जाने से रोकने को लेकर, फोन पर देर रात तक बात करने को लेकर, लंबे समय से बच्चे न होने को लेकर, अवैध संबंध को लेकर, संयुक्त परिवार से अलग रहने को लेकर होती है और मामला थाने तक आ जाता है।
 

 

पिछले साल भी इस तरह के 1549 आवेदन आए, जिसमें 982 मामलों में दंपतियों को समझा बुझा कर पुलिस ने एक किया। बाकि के मामले न्यायालय भेजे गए।