मतदेय स्थलों पर होगा माकपोल, कायदे चेक कर सकते हैं हर बूथ की ईवीएम
पार्टी एजेंटों के समक्ष माक पोल करने का नियम
ईवीएम का किया जाएगा सबके सामने परीक्षण
पारदर्शिता व निष्पक्षता की दिशा में आयोग ने उठाए कदम
आपको बता दें कि माकपोल का उद्देश्य इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) का परीक्षण करना रहेगा। ईवीएम में पहले से कोई मत रिकार्ड तो नहीं है, इसकी जानकारी माकपोल से लग जाएगी। सभी प्रत्याशियों के सामने की बटन काम कर रही है या नहीं।
बताते चलें कि माकपोल प्रत्याशियों के एजेंट व मतदान कार्मिक दोनों कर सकेंगे। दरअसल, माक पोल की व्यवस्था तो पुरानी है, लेकिन इसकी अनिवार्यता पर जोर दिया जा रहा। माकपोल के लिए बूथों पर पीठासीन अधिकारी द्वारा पोलिंग एजेंटों के समक्ष कंट्रोल व बैलेट यूनिट को एक दूसरे से जोड़ा जाएगा। पीठासीन अधिकारी उनके सामने ही वोटिंग मशीन की कंट्रोल यूनिट का बैलेट बटन दबाएंगे। तब बैलेट यूनिट से नकली मतदान की प्रक्रिया शुरू कराई जाएगी।
अंत में टोटल बटन दबाकर यह देखा जाएगा कि मशीन में कुल कितने वोट रिकार्ड हुए हैं, फिर मतदान की प्रक्रिया समाप्त करने के लिए बंद करने वाली काले रंग की बटन दबाई जाएगी। पीले रंग का बटन दबाने से मतदान के परिणाम का पता चलेगा। मशीन की छोटी विंडो को खोलकर सफेद रंग वाली बटन से इस प्रक्रिया को रद कर दिया जाएगा।
एजेंट के संतुष्ट होने के बाद असली मतदान हो सकेगा। इससे पहले पीठासीन अधिकारी द्वारा ग्रीन पेपर लगाकर छोटी विंडो को सील किया जाएगा, जबकि ग्रीन पेपर के सभी सिरों और बाहरी भाग सफेद रंग के फीते से सील होगा।
इस संबंध में चंदौली जिले के उप जिला निर्वाचन अधिकारी अभय पांडेय ने बताया कि पीठासीन अधिकारी का माकपोल अनिवार्य होगा। एक प्रत्याशी को कितने मत पड़ेंगे, यह प्रत्याशियों की संख्या पर निर्भर होगा। गणना के बाद ईवीएम से असली मतदान शुरू होगा। इसके साथ ही पीठासीन अधिकारी एसएमएस से आयोग को इसकी जानकारी देंगे।