साधना सिंह के निशाने पर हैं जिलाधिकारी चंदौली, बैनर पर नाम न देख भड़क गयीं हैं सांसद
जिले में विश्व योग दिवस का आयोजन
बैनर से राज्यसभा सांसदों नाम हुआ गायब
आयोजन का निमंत्रण न मिलने से नाराज
जिलाधिकारी से करेंगी सवाल-जवाब
चंदौली जिले में आयोजित दसवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के योग शिविर में बैनर पर जिले की राज्यसभा सांसदों के नाम व फोटो न होने पर आग बबूला हुई राज्यसभा सांसद श्रीमती साधना सिंह ने कहा है कि वह जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा के बारे में जिला अधिकारी से पूछेंगी कि आखिर सांसदों का नाम बैनर पर क्यो क्यों नहीं लिखा जा रहा है।
बता दें कि जिले में राज्यसभा सांसद के रूप में दो राज्यसभा सांसद है श्रीमती दर्शना सिंह तथा श्रीमती साधना सिंह मौजूद हैं, लेकिन जिला प्रशासन उनको हमेशा उचित सम्मान देने से चूक जाता है। जबकि जिले में विधायकों व अन्य माननीय लोगों के नाम व फोटो हर जगह देखने को मिला करते हैं।
कहा जा रहा है कि जब से चंदौली जिले में लोकसभा चुनाव भाजपा के सांसद व भारत सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ महेंद्र नाथ पांडेय के शिकस्त के बाद अधिकारियों के द्वारा एक अलग ही तरह का राग अलापा जा रहा है, जिसके कारण यहां भाजपा के नेताओं में मायूसी देखने को मिल रही है।
वहीं आज तो हद ही हो गई, जब जिले के यूनानी चिकित्सा अधिकारी द्वारा 10वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर बनाए गए बैनर पर जिले के केवल 3 विधायक रमेश जायसवाल, सुशील सिंह व कैलाश आचार्य की फोटो देखने को मिली तो वहीं मौजूद राज्यसभा सांसद इस बात को देखकर स्तब्ध रह गयीं और सवाल जवाब करने लगीं।
उसके बाद इस नजारे को कैमरे में कैद करने के बाद मीडिया द्वारा जब राज्यसभा सांसद से पूछा गया तो उन्होंने कहा यह बैनर कौन बनवाया है और किसके द्वारा यह बैनर लगवाया गया है। इसकी खबर मैं जिलाधिकारी से लूंगी। अफसरों की ऐसी मनमानी बर्दाश्त नहीं होगी।
वहीं यह भी बताया कि हमें इस शिविर का निमंत्रण भी नहीं भेजा गया था, लेकिन उसके बाद मोदी जी और योगी जी पहल को साकार करने तथा योग को जन-जन तक ले जाने की पहल को आगे बढ़ाने के लिए वह खुद से इसमें सम्मिलित होने के लिए आयी हैं। वहीं राज्यसभा सांसद की नाराजगी व तेवर को देखकर प्रभारी मंत्री ने मामले को संभालने की कोशिश की। उनके कहने पर राज्यसभा सांसद कार्यक्रम स्थल रवाना हो गयीं।
वहीं मौके पर मौजूद यूनानी चिकित्सा प्रभारी अधिकारी सरोज शंकर राम ने बताया कि बैनर बनाते समय यह चूक हो गई है। अब देखना है कि साधना सिंह इसको लेकर जिलाधिकारी से क्या सवाल करती हैं और जिलाधिकारी मामले में क्या सफाई देते हैं।