चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह ने लोकसभा में उठाया PM श्री विद्यालयों का मुद्दा, मोदी के मंत्री ने नहीं दे पाए सही-सही जवाब

चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह ने लोकसभा में मानव संसाधन विकास मंत्रालय से पूछा कि उनके संसदीय क्षेत्र में कितने PM श्री विद्यालय हैं और उन्हें क्या सुविधाएँ मिलती हैं। राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार ने जिले का सटीक डेटा न देते हुए राष्ट्रव्यापी आँकड़े बताए। इस दौरान अध्यक्ष ओम बिरला ने हस्तक्षेप कर मंत्री को PM श्री स्कूलों के विकास के लिए दी जा रही 50 करोड़ रुपये की राशि की जानकारी देने को कहा।
 

चंदौली के लोकसभा सांसद वीरेंद्र सिंह 

सपा सांसद ने लोकसभा में उठाया PM श्री विद्यालयों का सवाल

PM श्री स्कूलों के सवाल पर लोकसभा में जवाब

अध्यक्ष ओम बिरला ने किया बीच में हस्तक्षेप

PM श्री स्कूलों के विकास के लिए दिए जा रहे हैं 50 करोड़ रुपये 

चंदौली जिले के सांसद वीरेंद्र सिंह ने रविवार को लोकसभा में एक महत्वपूर्ण सवाल उठाकर अपने संसदीय क्षेत्र में शिक्षा के बुनियादी ढांचे और मानकों को सुधारने पर जोर दिया। उन्होंने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (अब शिक्षा मंत्रालय) से सीधे यह जानकारी मांगी कि चंदौली संसदीय क्षेत्र में कुल कितने पीएम श्री विद्यालय (PM Schools for Rising India) संचालित हैं और इन विद्यालयों में छात्रों को पठन-पाठन और समग्र विकास के लिए किन-किन तरह की विशेष सुविधाएँ उपलब्ध कराने की कोशिश की जा रही है।

सदन में राज्य मंत्री का जवाब और डेटा का अभाव
सांसद वीरेंद्र सिंह के इस सीधे सवाल का जवाब देने के लिए सदन में मानव संसाधन विकास राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार मौजूद थे। हालांकि, मंत्री महोदय ने चंदौली संसदीय क्षेत्र से संबंधित सटीक आंकड़ा सदन में उपलब्ध नहीं कराया। मंत्री मजूमदार ने अपने जवाब में सीधे जिले का डेटा देने के बजाय, देश और प्रदेश स्तर पर पीएम श्री विद्यालयों की संख्या और उनके लक्ष्यों के बारे में सामान्य आंकड़े और जानकारी देनी शुरू कर दी।

मंत्री सुकांत मजूमदार ने अपनी बात रखते हुए कहा कि फिलहाल उनके पास सदन में चंदौली संसदीय क्षेत्र का विशिष्ट आंकड़ा उपलब्ध नहीं है, लेकिन उन्होंने सांसद को व्यक्तिगत रूप से यह जानकारी उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। उन्होंने इसके साथ ही पीएम श्री विद्यालयों में शिक्षा के स्तर को सुधारने और छात्रों के समग्र विकास के लिए दी जा रही सेवाओं और सुविधाओं की एक लंबी सूची सदन के सामने रखी।

अध्यक्ष ओम बिरला का हस्तक्षेप और 50 करोड़ के फंड का जिक्र
यह पूरा घटनाक्रम तब एक नया मोड़ ले गया, जब लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वयं मंत्री के जवाब के बीच में हस्तक्षेप किया। अध्यक्ष ओम बिरला ने मंत्री सुकांत मजूमदार को टोकते हुए कहा कि उन्हें यह महत्वपूर्ण जानकारी भी सदन को दे देनी चाहिए कि पीएम श्री विद्यालयों के विकास के लिए सरकार द्वारा 50 करोड़ रुपये की धनराशि दी जा रही है। अध्यक्ष का इशारा था कि इतनी बड़ी धनराशि का जिक्र किया जाना चाहिए ताकि यह स्पष्ट हो सके कि इन विद्यालयों के विकास पर सरकार कितनी तेज़ी और गंभीरता से काम कर रही है।

अध्यक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि इस धनराशि को तेज़ी से खर्च करके विद्यालय का ढाँचागत विकास किया जा सके और वहाँ पठन-पाठन का स्तर सुधारा जा सके। यह हस्तक्षेप सरकार की महत्वाकांक्षी पीएम श्री योजना के प्रति लोकसभा की गंभीरता को दर्शाता है।

Video - चंदौली के सांसद वीरेंद्र सिंह ने सदन में उठाया मुद्दा

PM श्री विद्यालयों में मिलने वाली सुविधाएँ
हालांकि, मंत्री मजूमदार चंदौली का डेटा नहीं दे पाए, लेकिन उन्होंने पीएम श्री विद्यालयों में मिलने वाली सुविधाओं की पूरी लिस्ट सदन के सामने रखी। यह योजना राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP 2020) के अनुरूप स्कूलों को आदर्श विद्यालयों के रूप में विकसित करने पर केंद्रित है। इन विद्यालयों में मुख्य रूप से निम्नलिखित सुविधाओं पर ध्यान दिया जा रहा है:------

* आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर: स्मार्ट क्लासरूम, खेल का मैदान, पुस्तकालय और आर्ट रूम जैसी आधुनिक सुविधाएँ।

* डिजिटल शिक्षा: सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (ICT) और नवीनतम तकनीक का उपयोग कर पठन-पाठन।

* गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: अनुभवात्मक शिक्षा (Experiential Learning) और समग्र विकास पर आधारित शिक्षण।

* हरित विद्यालय (Green Schools): पर्यावरण-अनुकूल पहल, जैसे सौर पैनल और अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देना।

* वोकेशनल ट्रेनिंग: छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने हेतु कौशल विकास और व्यावसायिक शिक्षा पर जोर।

चंदौली सांसद वीरेंद्र सिंह ने इस मुद्दे को उठाकर यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि केंद्र सरकार की यह महत्वाकांक्षी योजना जिले के शिक्षा क्षेत्र को भी पूरी तरह से लाभान्वित करे।