पथरहवा राइट माइनर गरला गांव के समीप टूटी, खेतों में भर रहा है पानी

नहर में हर साल सफाई के नाम पर पैसे खर्च होते हैं, लेकिन सफाई और उसके किनारे को मजबूत करने के नाम पर केवल कागजी खाना पूर्ति होती है। इसी की वजह से अक्सर कहीं ना कहीं नहर टूट जाया करती है।
 

सिंचाई विभाग के जेई मौके पर मौजूद

करा रहे हैं मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति

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चंदौली जिले में सिंचाई विभाग की एक बहुत बड़े लापरवाही सामने आई है, जिससे किसानों की फसल बर्बाद होने लगी है। बताया जा रहा है की चकिया इलाके में एक नहर का किनारा टूट गया है और लगभग 12-15 घंटे से पानी बहकर खेतों में जा रहा है। इसी तरह पहले भी कई बार नहर टूट चुकी है।


जानकारी में बताया जा रहा है कि पथरहवा राइट माइनर गरला गांव के समीप टूट गई है। जिसकी मरम्मत के लिए अब सिंचाई विभाग लगा चुका है।
नहर में हर साल सफाई के नाम पर पैसे खर्च होते हैं, लेकिन सफाई और उसके किनारे को मजबूत करने के नाम पर केवल कागजी खाना पूर्ति होती है। इसी की वजह से अक्सर कहीं ना कहीं नहर टूट जाया करती है।


 आज इस नहर से टूटने से एक बार फिर सिंचाई विभाग की पोल खुल गई है और यह जब जाहिर हो गया है कि किस तरह से नहरों की सफाई के नाम पर आने वाले धन का दुरुपयोग ठेकेदार और अधिकारी मिलकर करते हैं और आपसी बंदरबांट करके हर साल किसानों को इसी तरह से नुकसान पहुंचाने का काम करते हैं।


 मौके पर टूटी हुई नहर का हाल लेने पहुंचे किसान नेता अजय राय ने कहा कि नहरों और माइनरों की सफाई में करप्शन जोरों पर है। यहां पर आने वाले पैसे में लगभग 30 से 32 परसेंट तक कमीशन में ही खर्च हो जाता है। ऐसी स्थिति में नहरो की साफ सफाई और उसकी मजबूती भगवान भरोसे है।