48 घंटे की चेतावनी हवा-हवाई, 30 जून के पहले नहीं चलेगी नरायनपुर पम्प कैनाल

अधिकारी ने कहा कि इसके कम जलस्तर होने पर पम्प कैनाल चलाने से गंगा के जीव-जन्तु व जलीय प्राणियों के जीवन पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। साथ ही केंद्रीय जल आयोग के नियमों का उल्लंघन भी होगा।
 

वाटर लेवल का रोना रो रहे हैं अधिकारी

जल आयोग के नियम का दे रहे हैं हवाला

अब अपनी चेतावनी का क्या करेंगे मनोज सिंह डब्लू

कल ही दी थी धरने प्रदर्शन की चेतावनी

चंदौली जिले के समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज सिंह डब्लू नरायनपुर पम्प कैनाल के संचालन को लेकर सोमवार को वाराणसी में एक्सईएन रविशंकर मिश्र से मिले। इस दौरान उन्होंने पम्प कैनाल के संचालन में आ रही दिक्कतों को लेकर जवाब तलब किया और किसानों के हित में तत्काल पम्प को चलाए जाने की आवश्यकता जताई। इस पर एक्सईएन ने गंगा नदी के जलस्तर कम होने का हवाला दिया। कहा कि जब तक गंगा नदी का जलस्तर में सुधार नहीं होता, पम्प कैनाल को चलाने का आदेश नहीं दिया जा सकता।

इस पर मनोज सिंह डब्लू ने इसके पीछे की वजह जाननी चाहिए तो एक्सईएन द्वारा बताया गया कि गंगा के जलस्तर में सुधार की गुंजाइश पांच-छह दिन में होने की है। क्योंकि कानपुर बैराज से कुछ पानी छोड़ा गया है। इसके अलावा बरसात भी होने लगी है। ऐसे में जैसे ही गंगा का जलस्तर 60 के करीब पहुंच जाएगा। पम्प कैनाल को चलाने की अनुमति दे दी जाएगी।

अधिकारी ने कहा कि इसके कम जलस्तर होने पर पम्प कैनाल चलाने से गंगा के जीव-जन्तु व जलीय प्राणियों के जीवन पर खतरा उत्पन्न हो जाएगा। साथ ही केंद्रीय जल आयोग के नियमों का उल्लंघन भी होगा। क्योंकि केंद्रीय जल आयोग ने सभी पम्प कैनालों के संचालन के लिए मानक निर्धारित कर रखा है। इस पर मनोज सिंह डब्लू ने भूपौली व चक्का बांध पम्प कैनाल के संचालित होने की बात कही तो उन्होंने बताया कि उन पम्प कैनालों के संचालन के लिए जलस्तर की सीमा 57 मीटर निर्धारित की गयी है। एक्सईएन ने भरोसा दिया कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी और पम्प कैनाल का संचालन करके किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी उपलब्ध होने लगेगा।

आपको याद होगा कि सपा नेता ने नरायनपुर पंप कैनाल का दौरा करके कहा था कि एक तरफ जहां किसाने की धान की नर्सरी सूख रही है, वहीं इस भीषण गर्मी में प्यास से पशु पक्षी मर रहे हैं। बावजूद इसके पम्प कैनाल को नहीं चलाया जा रहा है। यदि 48 घंटे के अंदर नारायणपुर पंप कैनाल का संचालन नहीं हुआ तो किसानों की अगुवाई में बड़ा आंदोलन होगा, क्योंकि किसानों का सब्र अब जवाब दे गया है।