टीसी की झंझट से मिलेगी मुक्ति,  छात्र-छात्राओं की बनेगी नेशनल आईडी, इसी से होगा अब एडमिशन              

चंदौली जिले के विद्यार्थियों को अब दूसरे राज्य व जिलों के शैक्षिणिक संस्था में एडमिशन लेने में आसानी होगी। एडमिशन के समय सबसे महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट में टीसी होता है।
 

सभी छात्र-छात्राओं की बनेगी नेशनल आईडी

तभी होगा एडमिशन

 नेशनल आईडी से होगा काम

टीसी के लिए नहीं लगाना पड़ेगा बार-बार स्कूल का चक्कर

चंदौली जिले के विद्यार्थियों को अब दूसरे राज्य व जिलों के शैक्षिणिक संस्था में एडमिशन लेने में आसानी होगी। एडमिशन के समय सबसे महत्वपूर्ण डाक्यूमेंट में टीसी होता है। जिसे लेने के लिए विद्यार्थियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। नेशनल आइडी बनने के बाद उन्हें इस समस्या से निजात मिलेगी। विद्यार्थी दूसरे शैक्षणिक संस्थान अथवा बोर्ड में नेशनल आइडी से प्रवेश ले सकेंगे। 

आपको बता दें कि शिक्षा मंत्रालय ने यू-डायस पोर्टल पर पहली से कक्षा 12 वीं तक की छात्र-छात्राओं को नेशनल आइडी जारी करने का निर्णय लिया है। डाटा अपलोड होने के साथ ही यह आइडी बनेगी। इससे टीसी आदि के संबंध में आ रही परेशानी दूर होगी। नेशनल आइडी स्कूल-कालेज के नोटिस बोर्ड पर चस्पा की जाएगी, ताकि छात्र-छात्राओं को उसकी जानकारी हो सके। 

मदरसा, संस्कृत विद्यालय के छात्रों की भी यह आइडी बनेगी। जनपद में 2150 सरकारी और निजी विद्यालय संचालित हैं। इनमें 4.61 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। नई शिक्षा नीति के अनुसार इन छात्रों को पहली बार नेशनल आइडी जारी की जाएगी। पोर्टल पर छात्र का प्रोफाइल तैयार करने के साथ ही विवरण दर्ज होगा। विवरण दर्ज होने के साथ ही छात्र की नेशनल आइडी जारी होगी। 

इस नेशनल आइडी से ही छात्र को अगली कक्षा में प्रमोट किया जाएगा। अनुत्तीर्ण होने की स्थिति में छात्र को प्रमोट नहीं किया जाएगा। मौजूदा समय में यू-डायस पोर्टल पर छात्र-छात्राओं का डाटा अपलोड किया जा रहा। अब तक 2.19 लाख विद्यार्थियों का विवरण पोर्टल पर दर्ज हो चुका है। इन छात्रों की नेशनल आइडी भी बन चुकी है। पांच हजार से अधिक छात्रों का डाटा अपलोड करने की प्रक्रिया चल रही।

 बीएसए कार्यालय के अनुसार, 77 हजार 884 छात्र- छात्राओं का विवरण यू डायस पोर्टल पर दर्ज नहीं किया गया है। यह सभी विद्यार्थी जिन स्कूलों के हैं, उन्हें नोटिस भेजा गया है। कुछ छात्र दूसरे स्कूलों में चले गए हैं, उनकी स्थिति भी साफ नहीं हो पा रही। उनके पास उनकी नेशनल आइडी भी नहीं है। ऐसे में उनका विवरण अपडेट नहीं हो पा रहा है। भविष्य में छात्रों को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए नेशनल आइडी आवश्यक कर दी र दी गई है।


इस संबंध में वीएसए नोडल अधिकारी यू-डायस सत्येंद्र सिंह ने बताया कि सभी प्रधानाचार्यों को निर्देश दिए गए हैं कि वह प्रत्येक छात्र का विवरण यू-डायस पोर्टल पर दर्ज कराएं। जिन विद्यालयों का डाटा फीडिंग शत-प्रतिशत हो गया है। वह नेशनल आइडी नोटिस बोर्ड पर चस्पा कर दें। निर्देश की अवहेलना करने वाले स्कूल - कालेजों पर कार्रवाई की जाएगी।