भ्रष्टाचार का गढ़ बनता जा रहा है नौगढ़ ब्लॉक, सेटिंग और कमीशन से मनरेगा में बड़ा घोटाला
डीसी मनरेगा की सेटिंग का दिखने लगा असर
कागजों पर चल रहा है लाखों का काम
बिना काम के ही जेई बागीश कर देता है काम की एमबी
चंदौली जिले के तहसील नौगढ़ में मनरेगा योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेजे गए शिकायती पत्र में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए जा रहे हैं। होत ना आज्ञा, बिनु पैसा रे ..... हनुमान चालीसा की कि यह चौपाई खंड विकास अधिकारी अमित कुमार और जेई बागीश कुमार पर सटीक बैठती है। बिना काम के ही एमबी कर (मजदूरी भुगतान) करने का आरोप है, जिससे सरकारी धन की बर्बादी हो रही है और ग्रामीण विकास के उद्देश्य को गहरी ठेस पहुंच रही है।
आपको बता दें कि नौगढ़ मनरेगा योजना का उद्देश्य ग्रामीण इलाकों में रोजगार के अवसर प्रदान करना और विकास कार्यों को सक्रिय रूप से लागू करना था, लेकिन विकास खंड नौगढ़ में इस योजना के तहत चल रहे अधिकांश कार्य पूरी तरह से धोखाधड़ी और फर्जीवाड़े का शिकार हो गए हैं। कई कार्य कागजों पर पूरे तो दिखाए जा रहे हैं, लेकिन असल में उन कार्यों को बिना किसी श्रमिक के किया जा रहा है। यहां तक कि फर्जी मास्टर रोल तैयार किए गए हैं और बिना किसी काम के मजदूरी का भुगतान भी किया जा रहा है।
चंदौली समाचार की पड़ताल में खुलासा हुआ कि इन कार्यों पर कोई वास्तविक काम नहीं हुआ और लाखों रुपये का सरकारी धन बंदरबांट कर लिया गया है। सूत्रों की मानें तो व्यापक भ्रष्टाचार का खुलासा इन कामों की जांच के बाद आसानी से हो सकता है...
1. बैरगाढ़ चौराहा से कुबराडीह तक पटरी पर मिट्टी और झाड़ी सफाई (आईडी: RC 00165)
2.औरवाटाड़ से नौगढ़ बाजार तक पटरी सफाई (आईडी: RC 0186)
3.जमसोती से चकिया नौगढ़ मार्ग तक रोड किनारे मिट्टी कार्य (आईडी: RC 4860)
4.जयमोहनी में मुख्य सड़क से पुनीत विश्वकर्मा के घर तक पटरी सफाई (आईडी: RC 9944)
5.बोझ गांव में गुड्डू के घर से हरियाबांध तक पटरी सफाई (आईडी: RC 9950)
6.गंगापुर में शंकर जी के मंदिर से महादेवपुर गांव तक पटरी पर मिट्टी का कार्य (आईडी: RC 0091)
7.गंगापुर में मुख्य सड़क से दशरथ यादव के खेत तक चकरोड पर मिट्टी कार्य (आईडी: RC 0102)
8.नर्वदापुर गांव में दशरथ यादव के घर से चिरंजीव यादव के घर तक पटरी पर झाड़ी सफाई और मिट्टी का कार्य (आईडी: RC 0133)
मनरेगा योजना से कराए गए इन कार्यों में डीसी आरके चतुर्वेदी की मिली भगत से लाखों रुपये के घोटाले की आशंका जताई जा रही है। इन फर्जी गतिविधियों ने न केवल सरकारी खजाने को चूना लगाया है, बल्कि मनरेगा योजना की साख को भी गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
मनरेगा योजना, जो कि ग्रामीण क्षेत्रों में विकास को बढ़ावा देने और रोजगार पैदा करने के उद्देश्य से बनाई गई थी, अब भ्रष्टाचार के कारण विफल होती नजर आ रही है। स्थानीय नागरिकों और आरटीआई कार्यकर्ताओं ने इस भ्रष्टाचार के खिलाफ अपनी आवाज उठाई है और मुख्यमंत्री से तत्काल जांच की मांग की है। उनका कहना है कि यदि यह भ्रष्टाचार जारी रहा, तो ग्रामीण विकास की उम्मीदें पूरी तरह से चूर हो सकती हैं।