नौगढ़ तहसील बना रणभूमि, गोंड प्रमाणपत्र को लेकर बवाल

स्थिति को संभालने पहुंचे लेखपालों को भी प्रदर्शनकारियों ने निशाना बना लिया। बीच-बचाव करने पर उन्हें धक्का-मुक्की और हाथापाई का सामना करना पड़ा। इस दौरान कई लेखपाल घायल हो गए।
 

डीएम ने संभाली कमान तो मौके पर आए चकिया एसडीएम

गुस्साई भीड़ ने तहसील परिसर में किया हंगामा

बवाल देखखर कर्मचारी जान बचाकर भागे

 चंदौली जिले का नौगढ़ तहसील शुक्रवार को रणभूमि में तब्दील हो गई जब गोंड जाति का प्रमाणपत्र बनवाने की मांग को लेकर सैकड़ों लोग अचानक तहसील परिसर में उमड़ पड़े। गुस्साई भीड़ ने पहुंचते ही नारेबाजी शुरू कर दी और तहसीलदार कार्यालय में घुसकर गाली-गलौज करते हुए हंगामा मचाने लगी। कर्मचारी जान बचाकर इधर-उधर भाग खड़े हुए और पूरे तहसील परिसर में अफरातफरी का माहौल बन गया।

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लेखपालों पर हमला, तोड़फोड़ की कोशिश

स्थिति को संभालने पहुंचे लेखपालों को भी प्रदर्शनकारियों ने निशाना बना लिया। बीच-बचाव करने पर उन्हें धक्का-मुक्की और हाथापाई का सामना करना पड़ा। इस दौरान कई लेखपाल घायल हो गए। भीड़ तहसीलदार कार्यालय का दरवाजा पीट-पीटकर तोड़ने पर आमादा हो गई। दफ्तर में मौजूद कर्मचारी दहशत में आ गए और कुछ लोग मौके से भाग निकले।

पुलिस देर से पहुँची, बेकाबू हुए प्रदर्शनकारी 

तहसील प्रशासन ने तत्काल नौगढ़ थाने को सूचना दी, लेकिन पुलिस बल मौके पर देर से पहुँचा। तब तक प्रदर्शनकारी पूरी तरह बेकाबू हो चुके थे। प्रशासनिक अमला हालात काबू में करने की कोशिश करता रहा, मगर गुस्साई भीड़ किसी की सुनने को तैयार नहीं थी। पुलिस की देरी ने प्रदर्शनकारियों के हौसले और बढ़ा दिए।

एसडीएम विकास मितल के प्रयास नाकाम

 एसडीएम विकास मितल ने भीड़ को समझाने की कोशिश की, लेकिन प्रदर्शनकारी शांत होने के बजाय और अधिक उत्तेजित हो गए। नारेबाजी और हंगामा लगातार बढ़ता ही गया। भीड़ का आरोप था कि वर्षों से गोंड जाति के प्रमाणपत्रों को जानबूझकर रोका जा रहा है और पात्र लोगों को उनका हक नहीं मिल रहा।

डीएम ने भेजा चकिया एसडीएम, बदली रणनीति

जिलाधिकारी चंद्रमोहन गर्ग ने स्थिति को संभालने हेतु चकिया एसडीएम विनय मिश्रा को मौके पर भेजा। उन्होंने प्रशासनिक कमान संभालते हुए प्रदर्शनकारियों को तहसील सभागार में बैठाया और वार्ता शुरू की। करीब घंटे भर की बातचीत के बाद प्रदर्शनकारियों को भरोसा दिलाया गया कि गोंड जाति का प्रमाणपत्र उन्हीं को मिलेगा जिनके पास वैध दस्तावेज मौजूद हैं। अधिकारियों ने साफ कहा कि फर्जीवाड़े को किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि सुजीत सिंह उर्फ सुड्डू, तहसीलदार अनुराग सिंह, थाना प्रभारी सुरेंद्र कुमार यादव मौजूद थे।

घंटों तक ठप रहा कामकाज, फिर लौटी शांति

करीब तीन घंटे तक तहसील का कामकाज पूरी तरह ठप रहा। कर्मचारी दहशत में रहे और हर तरफ गहमागहमी बनी रही। आखिरकार प्रशासन के ठोस आश्वासन के बाद भीड़ धीरे-धीरे शांत हुई और तहसील परिसर से वापस लौटी। तब जाकर कर्मचारियों और अधिकारियों ने राहत की सांस ली।