जिला अस्पताल दिल का डॉक्टर भिजवा दीजिए मंत्रीजी, हर दिन आते हैं सैकड़ों रोगी
जिला अस्पताल की ओपीडी में रोज आ रहे 175 हृदय रोगी
हृदय रोग विशेषज्ञ ना होने के कारण हो रही परेशानी
रोगियों को किया जा रहा वाराणसी के लिए रेफर
चंदौली जिले में सर्दी का मौसम शुरू होते ही दिल के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी है। पं. कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला अस्पताल की ओपीडी में रोज 175 हृदय रोगी आ रहे हैं। वहीं, इमरजेंसी में हार्ट अटैक के 10-15 मरीज रोज पहुंच रहे हैं लेकिन हृदय रोग विशेषज्ञ न होने से उन्हें वाराणसी रेफर कर दिया जाता है।
आपको बता दें कि ठंड के मौसम में हृदय और स्वांस के रोगियों की परेशानी बढ़ जाती है। साथ ही हार्ट अटैक का खतरा भी बढ़ जाता है। सर्दी का मौसम शुरू होने पर जुकाम, खांसी, बुखार, शरीर में दर्द और गले में इंफेक्शन की बीमारियां हो सकती हैं। इनके वायरस संक्रामक होते हैं, जो छींकने और हाथ मिलाने से एक से दूसरे तक पहुंचते हैं। ठंड में अस्थमा और साइनस की तकलीफ भी बढ़ जाती है। ठंड लगने पर शरीर का तापमान तेजी से गिरने लगता है और संचित ऊर्जा नष्ट होने लगती है। इससे हाइपोथर्मिया की समस्या होती है। हाइपोथर्मिया मष्तिष्क पर असर डालता है। इसके अलावा हृदय रोगियों की परेशानी भी बढ़ जाती है।
पं. कमलापति त्रिपाठी जिला चिकित्सालय की ओपीडी में रोज 1400 मरीज आते हैं। इनमें 175 मरीज हृदय रोग से पीड़ित होते हैं। इसके अलावा इमरजेंसी में रोज 10-15 गंभीर मरीज आते हैं। हृदय रोग विशेषज्ञ अस्पताल नहीं होने के कारण मरीजों को वाराणसी रेफर करना पड़ता है।
डॉक्टरों ने बताया 15 दिन पहले इमरजेंसी में हृदय रोग के बहुत कम मरीज आते थे लेकिन अब इनकी संख्या बढ़ गई है।
इस संबंध में जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ सत्य प्रकाश ने बताया कि पं. कमलापति त्रिपाठी संयुक्त जिला अस्पताल में कार्डियोलॉजिस्ट नहीं होने से मरीज को परेशानी होती है। वरिष्ठ फिजीशियन प्रारंभिक उपचार करते हैं लेकिन गंभीर मरीजों को वाराणसी रेफर करना पड़ता है। शासन से हृदय रोग विशेषज्ञ की तैनाती की मांग की गई है।