बिना पैसे के नहीं मिलती है अग्निशमन विभाग की NOC, पैसा मिलते हैं सब कुछ हो जाता है ओके

वैसे अगर आप होटल या अस्पताल खोलना चाहते हैं और अग्निशमन विभाग की NOC का पाला पड़ेगा तो आपको इसकी हकीकत अपने आप पता चल जाएगी।
 

मुगलसराय अग्निशमन कार्यालय पर विजिलेंस का छापा

रिश्वत लेते सिपाही राजकमल रंगे हाथ गिरफ्तार

बताया कि कौन कितना लेता है कमीशन

होटल या अस्पताल खोलने वालों से मनमाना लेते हैं पैसा

चंदौली जिले के मुगलसराय स्थित जिला अग्निशमन कार्यालय में शुक्रवार को विजिलेंस टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए वहां तैनात सिपाही राजकमल को ₹30,000 की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। टीम ने आरोपी को मौके से पकड़ा और विधिक कार्रवाई में जुट गई। साथ ही लोग कहने लगे हैं कि बहुत दिन के बाद किसी ने पकड़वाने की हिम्मत जुटाई है। यहां तो बिना पैसे के कोई काम नहीं होता है।
 

जानकारी के अनुसार, सोनभद्र निवासी नीरज यादव ने लगभग एक वर्ष पूर्व शहाबगंज क्षेत्र में अस्पताल खोलने के लिए एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन किया था। आरोप है कि कार्यालय में तैनात सिपाही राजकमल ने एनओसी जारी करने के बदले ₹4 लाख की मांग की थी। इसमें से ₹2 लाख अपनी और साहब की हिस्सेदारी और बाकी ₹2 लाख “सामान्य खर्च” बताया गया था। जब आवेदक इतनी बड़ी राशि नहीं दे पाया, तो उसका आवेदन खारिज कर दिया गया।

इसके बाद आवेदक ने श्री बालाजी क्लीनिक नाम से दोबारा आवेदन किया, लेकिन इस बार भी सिपाही राजकमल  ने ₹30,000 की रिश्वत की मांग की। पैसे न देने पर आवेदन फिर खारिज कर दिया गया। लगातार हो रही परेशानियों से तंग आकर नीरज यादव ने विजिलेंस टीम से शिकायत की। शिकायत के सत्यापन के बाद टीम ने कार्रवाई की योजना बनाई और तय रकम के रूप में ₹30,000 देकर आरोपी को रंगे हाथ पकड़ लिया। बरामद नोटों पर विजिलेंस द्वारा लगाए गए रासायनिक निशान भी मिले हैं।

इस संबंध में जिला अग्निशमन अधिकारी रमाशंकर तिवारी ने सफाई देते हुए कहा कि उनके संज्ञान में ऐसा कोई मामला पहले नहीं आया था। उन्होंने कहा कि वे उस समय चंदौली में मीटिंग में थे, जब विजिलेंस ने कार्रवाई की। उनके सामने न तो पैसा लिया गया, न मुझे इसकी जानकारी थी। उन्होंने यह भी कहा कि कई बार लोग खुद को बचाने के लिए किसी अधिकारी का नाम ले लेते हैं।

वैसे अगर आप होटल या अस्पताल खोलना चाहते हैं और अग्निशमन विभाग की NOC का पाला पड़ेगा तो आपको इसकी हकीकत अपने आप पता चल जाएगी। जितना ज्यादा पैसा देंगे उतने ही कम नखरे अग्निशमन विभाग के लोग दिखाएंगे।  NOC तो आपके यहां लाकर पहुंचा देंगे, नहीं तो इतने मानक बताएंगे कि आप होटल या अस्पताल खोलने का सपना भूल जाएंगे। ये बात भले ही अस्पताल व होटल चलाने वाले कैमरे पर खुलकर न बोलें, लेकिन कैमरा बंद होते ही इनके नखरे बताया करते हैं।

अब देखने वाली बात यह है कि क्या विभाग इस मामले में केवल निचले स्तर के कर्मचारियों पर कार्रवाई कर मामला रफा-दफा कर देता है, या फिर उन अधिकारियों पर भी सख्त कदम उठाए जाते हैं जो सीधे या परोक्ष रूप से इस रिश्वतखोरी में संलिप्त हैं। विजिलेंस की यह कार्रवाई निश्चित रूप से भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ा संदेश दे रही है, लेकिन इसका असर तभी दिखेगा जब दोषियों को वास्तविक सजा मिलेगी।