जिला न्यायालय व मुख्यालय संघर्ष समिति की पदयात्रा शुरू, गांव में हो रहा है स्वागत

पदयात्रा पर निकले लोगों का कहना है कि चंदौली को जिला का दर्जा मिले 27 साल हो गया है। अभी तक जिले को मूलभूत चीजें नहीं मिल पायीं। जिले में 136 विभाग होते हैं। अभी तक सिर्फ एक विभाग छोड़ कर शेष विभाग किराए के मकान में चलते हैं।
 

आज से न्याय पदयात्रा का आगाज

अधिवक्ताओं ने मद्धुपुर गांव में किया संपर्क

आमजन से संपर्क करके आंदोलन में मांगा जनसहयोग

चंदौली जिले के जिला न्यायालय व मुख्यालय संघर्ष समिति के अधिवक्ताओं ने रविवार को न्याय पदयात्रा का आगाज किया। जिले के नेताओं व अफसरों की पोल खोलने के लिए शुरू किए गए अभियान के पहले दिन अधिवक्ताओं ने मद्धुपुर गांव में आमजन से संपर्क करके जनसहयोग मांगा। साथ ही लोगों से कोर्ट भवन निर्माण के लिए जनप्रतिनिधियों पर दबाव बनाने का सुझाव दिया, ताकि जनप्रतिनिधि जिले के विकास कार्यों में रुचि लेने के साथ ही शासन में सकारात्मक पहल कर सकें।

पदयात्रा पर निकले लोगों का कहना है कि चंदौली को जिला का दर्जा मिले 27 साल हो गया है। अभी तक जिले को मूलभूत चीजें नहीं मिल पायीं। जिले में 136 विभाग होते हैं। अभी तक सिर्फ एक विभाग छोड़ कर शेष विभाग किराए के मकान में चलते हैं। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, मुख्य विकास अधिकारी, जिला जज के कार्यालय भले ही सरकारी भवन में चलते हों, लेकिन तमाम बड़े अधिकारियों को दूसरे सरकारी विभागों में शरण लेनी पड़ती है। कई ऑफिस आज भी किराए के मकानों में चल रहे हैं। चंदौली पॉलिटेक्निक के कर्मचारियों के आवास सभी जिले के अधिकारियों और जिले के कर्मचारियों ने कब्जा कर रखा है।

उसी के लिए अंततः 112 दिनों से आंदोलन कर रहे झन्मेजय सिंह के नेतृत्व में जिला न्याय संघर्ष समिति को हर रविवार गांव-गांव संपर्क अभियान चंदौली के विकास के लिए निर्णय लेना पड़ा है। इसके पहले चंदौली से दिल्ली तक पदयात्रा कर देश के प्रधानमंत्री तक अपनी गुहार लगा चुके हैं।