चंदौली में एक जनपद एक उत्पाद को विदेशों तक पहुंचाने का प्लान, किसानों को दिए जाएंगे प्रशिक्षण
अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई सामान पहुंचने की योजना
काला चावल व प्लास्टिक और सर्जिकल उत्पादों के निर्यात की बनाई जा रही रणनीत
सब्जियों का उत्पादन को बढ़ाने व बिक्री का प्लान
अब किसानों को प्रशिक्षण देकर बढ़ाया जाएगा आगे
चंदौली जिले से काला चावल के बाद प्लास्टिक और सर्जिकल उत्पादों का भी निर्यात किया जाएगा। इसके लिए उद्योग विभाग और एपीडा ने मिलकर रणनीति तैयार की है। किसानों और उद्यमियों को उत्पाद विदेश भेजने के लिए प्रशिक्षण के साथ अनुदान भी दिया जाएगा।
आपको बता दें कि जिले के किसान अब अपनी उपज का सीधे निर्यात कर सकेंगे। अभी तक वाराणसी के एफपीओ के माध्यम से सब्जी और चावल विदेश भेजते थे। जिले में तीन नदियों का प्रवाह है। इनके किनारे बसे हजारों किसान सब्जियों की खेती करते हैं। ज्यादातर किसान स्थानीय बाजार के हिसाब से खेती करते हैं।
अब कृषि विपणन एवं कृषि विदेश व्यापार विभाग किसानों का चयन कर उनको निर्यात के मानकों को पूरा करने वाली सब्जियों की खेती करने, उनकी छटाई और पैकिंग आदि का प्रशिक्षण देगा। कृषि निर्यात नीति में कृषि, फल सब्जी निर्यात पर 10 लाख रुपए तक की ट्रांसपोर्ट सब्सिडी के प्रावधान के साथ ही चंदौली को नई पहचान देने की योजना बनाई गई है।
किसानों को निर्यात के लिए प्रशिक्षित करने के लिए वाराणसी से प्रशिक्षक बुलाए जाएंगे। चयनित किसानों को निर्यात के मानकों के अनुरूप सब्जियों की पैदावार, उनकी छटाई और पैकिंग की जानकारी दी जाएगी ।इसके अलावा किसानों को भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान में तैयार उन्नत प्रजाति के सब्जियों के बीज व पौधों के बारे में जानकारी दी जाएगी।
इस संबंध में जिला उद्योग उपायुक्त सिद्धार्थ यादव ने बताया कि किसानों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि एक जिला एक उत्पाद के तहत चयनित काला धान के उत्पादन को बढ़ाया जा सके और उसे विश्व पटल पर पहुंचाया जा सके। वहीं, औद्योगिक उत्पादों के निर्यात के लिए उद्यमियों को प्रशिक्षित कराया जा रहा है।