ये है पड़ाव पर जाम का असली कारण, दोनों जिले की पुलिस को लेनी होगी जिम्मेदारी
बस और ऑटो से लगता है जाम
सिपाही हमेशा बैठे रहते हैं सड़कों के किनारे
बस व ऑटो स्टैंड के लिए बनाना होगा प्लान
जानिए क्या कहते हैं कप्तान
चंदौली जिले के सबसे बड़े पड़ाव चौराहे पर जाम की समस्या का इलाज किसी न किसी तो खोजना ही पड़ेगा, लेकिन इसके लिए पुलिस महकमा व यातायात पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभाने में फेल नजर आ रहा है। यहां के लिए बना ट्रैफिक प्लान दो जिलों की पुलिस के बीच तालमेल के अभाव में फेल हो जाया करता है।
कहा जा रहा है कि बीच सड़क पर खुलेआम अवैध बस और ऑटो स्टैंडों का संचालन होता रहता है और नंबर टेकर इसके लिए मनमाने तरीके से वसूली भी करते हैं। कई बस, जीप व ऑटो चालक मिर्जापुर, सोनभद्र, बिहार की बसें खड़ी कर घंटों सवारियां भरते रहते हैं, जो जाम लगने का बड़ा कारण है।
आपको याद होगा कि डिवाइडर बन जाने से संकरी हुई सड़क पर ऑटो की कतार लगी रहती है। विडंबना यह है कि यह सब पुलिस के आंखों के सामने हो रहा है। चौराहे पर एसआई सहित 6 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगती है। कोल मंडी होने की वजह से रोजाना 1200 ट्रकों का आवागमन पड़ाव मार्ग से होता है।
इसके साथ ही छोटे-बड़े 3 हजार से ज्यादा वाहनों का आवागमन होता है। पड़ाव चौराहे पर जाम की समस्या आम हो गई है। जाम की समस्या के समाधान के लिए छह महीने पहले वाराणसी के पूर्व आईजी के सत्यनारायण ने ऑटो और सवारी वाहनों के लिए चौराहे के किनारे बैरिकेडिंग बनवाया था।
कुछ दिन तक नियम का पालन हुआ लेकिन उसके बार फिर से सैकड़ों वाहन बीच सड़क पर खड़े होने लगे। पुलिस ने कोई रोक टोक नहीं की।
पड़ाव से रामनगर जाने वाले मार्ग की स्थिति सबसे खराब है। यहां संकरी पुलिया होने की वजह से एक तो वैसे ही एक बार में एक ही बड़े वाहन पार हो सकते हैं। दूसरे इसके दोनों मार्ग पर एक तरफ 50 से ज्यादा ऑटो कतार में खड़े होकर सवारी भरते हैं।
आवागमन के लिए मात्र तीन फीट ही सड़क शेष बचती है। वहीं शराब की दुकान के बाद दूसरी लेन में दो से चार बसें लगी रहती हैं। मुगलसराय थाने और यातायात विभाग के पुलिसकर्मी आम आदमी को तो डांटते हैं लेकिन बस संचालकों और ऑटो चालकों को टोकते तक नहीं।
हालांकि जिले के एसपी डॉ. अनिल कुमार इस समस्या के त्वरित समाधान की बातें अक्सर करते हैं, लेकिन वह कब से होगी यह कहना मुश्किल है। वह चाहते हैं कि लोगों को किसी भी प्रकार से दिक्कत न हो। इसके लिए वह यातायात निरीक्षक चंदौली और थाना मुगलसराय को निर्देश भी देते रहते हैं।