पेयजल योजनाओं में अडंगा डालता है वन विभाग, डीएम साहब भी नहीं लेते दिसचस्पी

नौगढ़ ग्राम समूह पुनर्गठन पेयजल योजना के तहत जल  निगम (ग्रामीण) की करीब 250 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को शासन से वर्ष 2022 में मंजूरी मिली थी।
 

नौगढ़ की पेयजल समस्या को दूर करने की पहल में अडंगा

250 करोड़ की परियोजना में लगा है ग्रहण

वन विभाग से नहीं मिल पाती है एनओसी

नौगढ़ में अधर में अटका है काम

चंदौली जिले के नौगढ़ क्षेत्र में पेयजल समस्या के निराकरण के लिए 250 करोड़ रुपये की परियोजना वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण दो साल से अटकी हुई है। भैसोढ़ा बांध के पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में शुद्ध करीब छह सौ किमी पाइप लाइन के जरिए 93 गांवों में घर-घर पहुंचाने योजना मियाद बीतने के बाद भी पूरी नहीं हो पाई है।

आपको बता दें कि नौगढ़ ग्राम समूह पुनर्गठन पेयजल योजना के तहत जल  निगम (ग्रामीण) की करीब 250 करोड़ रुपये की कार्ययोजना को शासन से वर्ष 2022 में मंजूरी मिली थी। विभाग का दावा था कि मार्च 2024 तक परियोजना पूरी कर ली जाएगी। इसके बावजूद अभी तक सिर्फ 25 फीसदी काम हो पाया है। वन विभाग से एनओसी नहीं मिलने के कारण बाकी काम अटका हुआ है।

दरअसल योजना से जुड़े 90 प्रतिशत काम वन भूमि पर होने हैं। पाइप लाइन बिछाने के साथ टंकियों का निर्माण कराया जाना है। कार्यदायी संस्था ईस्ट इंडिया कंपनी कई बार वन विभाग को पत्र लिख चुकी है लेकिन अभी तक एनओसी नहीं मिली। ऐसे में जल निगम (ग्रामीण) ने परियोजान की अवधि बढ़ाकर मार्च 2025 कर दी है।

इस संबंध में चंदौली जल निगम के एक्सईएन अमित सिंह रघुवंशी ने बताया कि नौगढ़ में पेयजल परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए वन विभाग को कई बार पत्र भेजा जा चुका है। वन विभाग से एनओसी मिलने के बाद योजना से जुड़े काम पूरे कराए जाएंगे।
वन विभाग के अडंगे से ठेकेदारों की मौज है और वे आधे अधूरे काम के बाद अपना पेमेंट लेकर बैठ जाएंगे और विभागीय खींचतान में चंदौली जिले की एक और परियोजना चौपट हो जाएगी।