अब जिला अस्पताल में ही मिलेगा प्लाज्मा

वहीं मौसम में बदलाव के चलते भी बीमारियां तेजी से पांव पसार रही है। आलम यह है कि जिले में वायरल बुखार और डेंगू के मरीज मिलने लगे हैं।
 

डेंगू से निपटने के लिए हॉस्पिटल में बना अलग वार्ड

अब तक मिल चुके हैं 12 मरीज

सावधानी बरतने की कर रहे हैं अपील

चंदौली जिले के जिला अस्पताल में जल्द ही प्लाज्मा की सुविधा मिलेगी। इसके लिए मशीनें लगाने की प्रक्रिया की जा रही है। इससे डेंगू के मरीजों को प्लाज्मा के लिए इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा। फिलहाल डेंगू मरीजों के लिए जिला अस्पताल में दस बेड का अलग वार्ड बनाया गया है। हालांकि अभी इसमें एक भी मरीज भर्ती नहीं है। हालांकि जिले में किट से की गई जांच में 12 डेंगू मरीज पाए गए हैं। सभी मरीज फिलहाल स्वस्थ हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग संक्रामक रोगों और मच्छर जनित रोगों के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग सावधनी बरत रहा।

आपको बता दें कि जिले में मैदानी क्षेत्र में गंगा नदी में आयी उफान और पहाड़ी इलाकों में बारिश के चलते बांधों से छोटे गए पानी से बाढ़ के चलते निचले क्षेत्रों के कई गांव घिर गए थे। अब बाढ़ की स्थिति सामान्य हो गई है। लेकिन दुश्वारियां काफी बढ़ गई है। वहीं मौसम में बदलाव के चलते भी बीमारियां तेजी से पांव पसार रही है। आलम यह है कि जिले में वायरल बुखार और डेंगू के मरीज मिलने लगे हैं।

बताते चलें कि जिले में संचारी रोग अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की ओर से जिले में जनवरी से अब तक करीब 500 के करीब मरीजों की जांच की गई। इसमें 34 मरीज संदिग्ध पाए गए। इनकी कीट से जांच करायी गई तो 12 मरीज डेंगू से पीड़ित पाए गए। वर्तमान में यह सभी स्वस्थ हैं। पिछले साल जिले में कुल 254 डेंगू मिले थे। संक्रामक रोगों और मच्छर जनित रोगों के रोकथाम के लिए स्वास्थ्य महकमा सतर्क है। ताकि लोगों को संक्रामक रोगों के साथ मच्छर जनित रोगों से बचाव किया जा सके।

बता दें कि मलेरिया विभाग का दावा है कि डेंगू के मरीज को देखते हुए एंटी लार्वा दवा का छिड़काव नगर सहित ग्रामीण अंचलों में किया जाता है। वहीं जिला अस्पताल में डेंगू पीड़ित मरीजों के लिए 10 बेड का अलग वार्ड बनाने के साथ ही इसमें सारी सुविधाएं उपलब्धक कराने के साथ ही डॉक्टर्स सहित अन्य स्टाफ तैनात की तैनाती करने का दावा किया जा रहा है।

पहुंच रहे हैं 1200 से ज्यादा मरीज:

चंदौली जिले में वर्तमान समय में मौसम में बदलाव के कारण जिला अस्पताल में मरीजों की भीड़ लग रही है। ग्रामीण अंचलों के अलावा बिहार प्रांत से प्रतिदिन 1200 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे हैं। इससे पर्ची काउंटर पर घंटों लाइन लगानी पड़ रही है। ओपीडी के बाहर मरीजों की भीड़ लग रही है। इसमे अधिकांश वायरल फीवर के मरीज मिला रहे हैं। इनकी जांच करायी जा रही है।

प्लेटलेट्स कम होने पर दिखते हैं डेंगू के लक्ष्ण

शरीर में प्लेटलेट्स कम होने पर डेंगू के लक्ष्ण पता चलता है। इसमें तेज बुखार के साथ मांसपेशियों, सिर व जोड़ों में दर्द बना रहता है। वहीं कमजोरी होने लगती है और चक्कर आने लगता है। आरडी मेमोरियल के डा. शुभम सिंह ने बताया कि इस तरह के लक्ष्ण मिले तो तत्काल मरीज को जांच कराना चाहिए। साथ ही चिकित्सक से सलाह लेकर दवा लेनी चाहिए। वहीं घरों के आसपास साफ सफाई रखनी चाहिए। पानी जमा नहीं होने देना चाहिए। क्योंकि डेगू के मच्छर साफ पानी में ही पनपते हैं।


इस संबंध में सीएमएस डा. सत्यप्रकाश ने बताया कि जिला अस्पताल में जल्द ही प्लाज्मा की सुविधा मिलने लगेगी। इससे डेंगू मरीजों को काफी सहूलियत हो जाएगी। फिलहाल डेंगू मरीजों के लिए जिला अस्पताल में दस बेड का वार्ड बनाया गया है। इसमें मच्छरदानी सहित अन्य सभी सुविधाएं मुहैया करायी गई है। साथ ही डाक्टरों व स्वास्थ्य कर्मियों को भी तैनात किया गया है।


इस संबंध में सहायक मलेरिया अधिकारी राजीव कुमार सिंह ने बताया कि जिले में डेंगू रोग के GG रोकथाम के लिए नगरीय व ग्रामीण क्षेत्रों में एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जा रहा है। घरों व आसपास जमे पानी को साफ कराया जा रहा है। ताकि डेंगू के मच्छर न पनपने पाए। वहीं स्वास्थ्य विभाग की टीम डेंगू के प्रति लोगों को जागरूक कर रही है।