पीएम सूर्य घर योजना का एक गांव को मिलेगा लाभ, गांव को मिलेंगे एक करोड़ रुपए 

सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की पीएम सूर्य घर योजना के तहत चंदौली समेत पूर्वांचल के 10 जनपदों में एक-एक गांव को मॉडल सोलर विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा।
 

चंदौली सहित 10 जिले में बनेंगे मॉडल सोलर विलेज

पीएम सूर्य घर योजना के तहत होगा एक गांव का चयन

प्रत्येक जनपद में एक गांव को किया जाएगा विकसित

चंदौली जिले में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार की पीएम सूर्य घर योजना के तहत चंदौली समेत पूर्वांचल के 10 जनपदों में एक-एक गांव को मॉडल सोलर विलेज के रूप में विकसित किया जाएगा। मॉडल सोलर विलेज में सोलर संयंत्र स्थापित कर सौर ऊर्जा से स्ट्रीट लाइट, सरकारी भवन, स्कूल कॉलेज और अस्पताल आदि को बिजली दी जाएगी। इसके लिए मुख्य विकास अधिकारी के नेतृत्व में टीम का गठन कर जल्द ही किसी एक गांव का चयन किया जाएगा। 


आपको बता दें कि पीएम सूर्य घर योजना के तहत जिले में एक गांव का चयन कर उसे एक करोड़ रुपये खर्च कर मॉडल सोलर विलेज के रूप में विकसित करने की कवायद की जाएगी। इस ग्राम प्रचायत का चयन वहां की जनसंख्या के आधार पर किया जाएगा। इसके लिए वहीं ग्राम पंचायत आवेदन कर सकेगी, जिसकी जनसंख्या पांच हजार से ज्यादा होगी। पहले से विकसित गांव को वरीयता दी जाएगी। ताकि वहां काम करने में अधिक परेशानी न हो। 

वर्ष 2024 के दिसंबर माह तक डीपीआर तैयार करने के साथ-साथ 31 दिसंबर 2025 तक कार्य पूरा करने का लक्ष्य भी रखा गया है।  चयनित गांव को एक करोड रुपए की सहकारी सहायता मिलेगी। इसमें 10% धनराशि उसे गांव में संचालित बैंक, डेयरी, सहकारी समिति, स्वयं सहायता समूह, या संस्थानों से लिया जाएगा। शेष धनराशि केंद्र सरकार के द्वारा मुहैया कराई जाएगी।


 इस योजना में चयनित गांव में सौर ऊर्जा संयंत्र के लिए 24 घंटे बिजली देने की व्यवस्था की जा रही है। गांव की सभी सड़कों को सोलर लाइट से जोड़ा जाएगा। सरकारी भवनों पर भी सोलर रूफ टॉप संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा गांव में सिंचाई के लिए सोलर पंपों का इस्तेमाल किया जाएगा।

 
 इस बारे में जानकारी देते हुए जिलाधिकारी निखिल टीकाराम फुंडे ने कहा कि जिले में मॉडल सोलर विलेज के रूप में एक गांव को चयनित कर विकसित करने का शासनादेश प्राप्त हुआ है। शीघ्र ही इसके लिए एक समिति का गठन किया जाएगा। इसके उपाध्यक्ष मुख्य विकास अधिकारी होंगे। साथ में जिला पंचायती राज अधिकारी और उपनिदेशक कृषि को समिति का सदस्य बनाकर गांव का चयन सुनिश्चित कराया जाएगा और इस योजना का लाभ जिले में बेहतर तरीके से दिलाने की कोशिश की जाएगी।