PPP मोड में चल रहे अस्पताल में बाहर से लिखी जाती हैं दवाएं, साहब ने बैठा दी है जांच

 

चंदौली जिले के अंदर जिला अस्पताल परिसर में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत संचालित एमसीएच (मातृ व शिशु) विग में मरीजों का इलाज और अच्छी तरह से करने के नाम बाहर की दवाएं लिखकर मरीजों की जेब खाली करने की पहले की जा रही है। वहीं जांच के लिए भी निजी पैथालाजी सेंटरों पर भी धड़ल्ले से भेजा जा रहा। 

चंदौली के जिलाधिकारी संजीव सिंह ने शनिवार को गांधी जयंती के दिन अस्पताल के निरीक्षण के दौरान तमाम कमियां पकड़ीं और सबको चेतावनी देने का काम किया और कहा कि बार-बार कहने के बाद भी बाहर की दवाइयां लिखने का सिलसिला जारी है और कई लोगों पर सरकार व आला अफसरों के आदेश का कोई फर्क नहीं पड़ रहा है।

वहीं अस्पताल में गंदगी मिलने पर सुपरवाइजर पंकज की जमकर क्लास लगाई। साथ ही अस्पताल में दवाओं की कमी की बात सामने आने पर जांच बैठा दी। डीएम के अचानक अस्पताल पहुंचने से चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों में खलबली मची रही।


 
जिलाधिकारी ने मरीजों से बातकर अस्पताल में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं के बारे में जानकारी ली। मरीजों और उनके स्वजनों ने बताया कि चिकित्सक बाहर की दवा लिखते हैं। वहीं जांच भी नहीं होती है। ऐसे में निजी पैथालाजी में जांच कराना पड़ता है। 

इस पर डीएम ने चिकित्सकों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि अस्पताल में दवाओं की उपलब्धता नहीं है। ऐसे में बाहर की दवा लिखनी पड़ती है। इस पर जिलाधिकारी ने मामले की जांच का निर्देश दिया। 

उन्होंने कहा कि सरकारी अस्पताल में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होनी चाहिए। जो भी दवा उपलब्ध नहीं हैं, उनके लिए तत्काल डिमांड भेजें। मरीजों को पौष्टिक भोजन मिलना चाहिए। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, अस्पताल पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के तहत संचालित किया जाता है। ऐसे में दवा की उपलब्धता सुनिश्चित करना स्वास्थ्य विभाग का काम है। इसकी जांच कराई जाएगी। वहीं अस्पताल प्रशासन को शासन से मिलने वाले मद के सापेक्ष व्यय की भी पड़ताल की जाएगी। यदि लापरवाही सामने आई तो सीएमएस के खिलाफ कार्रवाई के लिए शासन को पत्र भेजा जाएगा।