महिला शिक्षकों के रेस्ट रूम में लगाया गया है सीसीटीवी कैमरा, पुलिस से शिकायत के बाद भी नहीं हो रही कार्यवाही
पीड़ित शिक्षिका की एसपी ने नहीं सुनी पीड़ा
स्कूल में चोरी से सीसीटीवी कैमरा लगाकर किया जा रहा है निजता का हनन
बलुआ पुलिस के संज्ञान में है मामला
अब तक नहीं हुई कोई कार्यवाही
चंदौली जनपद के बलुआ थाना क्षेत्र के टांडा कला स्थित श्री सरस्वती इंटर कॉलेज की अध्यापिका ने कॉलेज के प्रधानाचार्य पर निजता के हनन का संगीन आरोप लगाते हुए पुलिस अधीक्षक के यहां गुहार लगाने गई थी। लेकिन घंटों इंतजार के बाद भी पुलिस अधीक्षक पीड़ित की समस्या बिना सुने ही उठ कर चले गए। जिससे पीड़ित महिला काफी आक्रोशित नजर आई और कहा कि पुलिस द्वारा महिलाओं के लिए तमाम तरह की योजनाओं किताबें किया जा रहे हैं, लेकिन जब एक पीड़ित अपनी बात कहने के लिए आता है तो कप्तान साहब बिना सुने ही वहां से उठकर चले जाते हैं।
पुलिस अधीक्षक के इस रवैया से नाराज महिला ने कहा कि मिशन शक्ति के तहत पुलिस द्वारा न्याय दिलाने का ढिढोरा पीटने का दावा खोखला है ।
हालांकि सीओ सदर ने महिला की समस्या को सुनते हुए तत्काल बलुआ थाना अध्यक्ष को जांच कर कार्यवाही करने का निर्देश दिया। इसके बाद यह देखना है कि अब इस मामले में बलुआ पुलिस क्या कार्यवाही करती है।
पीड़ित महिला ने बताया कि श्री सरस्वती इंटर कॉलेज टांडा में वह अध्यापिका है और महिलाओं के लिए बैठने तथा विशेष परिस्थितियों में बनाए गए कक्ष में प्रधानाचार्य द्वारा चोरी से सीसीटीवी कैमरा लगा दिया गया। जब महिला प्रधानाध्यापक के कार्यालय में गई तो उसने उसे कमरे का वीडियो देखकर सन्न रह गई और तत्काल प्रधानाचार्य से उसे हटाने की मांग किया।
कॉलेज के प्रधानाचार्य ने उसे हटाने का आश्वासन भी दिया था।लेकिन नहीं हटाया गया तो अध्यापिका मुखर होकर महिला हेल्प लाइन पर फोन किया था।उसके बाद मारूफपुर पुलिस चौकी को सूचित किया, जिस पर चौकी इंचार्ज ने प्रधानाचार्य से हटवाने की बात कह कर चले गए। उसके बाद पीड़ित बलुआ थाने पर भी गई और उसकी सुनवाई नहीं हुई तो जिला मुख्यालय स्थित पुलिस अधीक्षक के यहां सोमवार को इस मामले को लेकर गुहार लगाने के लिए पहुंची थी, लेकिन महिलाओं को न्याय देने का ढिढोरा पढ़ने वाले एसपी साहब भी महिला की बात बिना सुने ही उठकर चले गए और समस्या सुनने के लिए सीओ सदर को लगा दिया। शिव सदर में मामले को सुनने के बाद तत्काल बलुआ थाना अध्यक्ष को फोन किया और मामले में कार्यवाही करने की बात कही।
सरकार जहां महिलाओं को बराबरी का दर्जा व न्याय देने की बात कर रही है। वहीं विद्यालय के प्रधानाचार्य से लेकर एसपी तक पीड़ित शिक्षिका की पीड़ा नहीं सुन रहे है तो पीड़ितों को कौन न्याय दिलाएगा।