जागो किसानों जागो : अपनी नहर और कुलावों को ठीक कराने का है मौका, नहीं तो बाद में पछताओगे
शहाबगंज ब्लाक के किसानों से अपील
गोविंदपुर रजवाहा को आदर्श नहर बनाने के लिए मिला है 3 करोड़
बेन रजवाहा के लिए 5 करोड़ 60 लाख हो रहे हैं खर्च
अपने इलाके की निगरानी करिए नहीं तो बाद में पछताएंगे
चंदौली जनपद के शहाबगंज इलाके के किसान नेता राम अवध सिंह ने शहाबगंज विकासखंड की नहरों और कुलावों की मरम्मत के लिए चल रहे कार्यों की निगरानी के लिए किसानों से अपील की है और इस कार्य के बारे में विस्तृत जानकारी भी साझा की है। उन्होंने कहा है कि स्थानीय किसानों को ठेकेदारों द्वारा कराई जा रहे कार्यों की निगरानी करनी चाहिए। अन्यथा कई सालों बाद जो काम हो रहे हैं, अगर ये काम घटिया किस्म के निकले तो.. इसका खामियाजा शहाबगंज विकासखंड के किसानों को ही भुगतना होगा। साथ ही अगर कोई गड़बड़ी हो रही है तो जागरूक बनकर ठेकेदारों के सचेत करें। कार्यों की निगरानी से आपको भविष्य में मदद मिलेगी।
किसान नेता ने कहा कि लतीफ साहब बीयर से निकली हुई कर्मनाशा राइट कैनाल के बेन धरौली नहर की लंबाई 15 किलोमीटर है। सिंचाई विभाग द्वारा मैप में जो कुलावे दर्ज हैं। वह पुराने जमाने के खेती के अनुसार तय किए गए थे। जिस जमाने में बहुत खेत ऐसे होते थे जिसमें धान की रोपाई नहीं होती थी। कुलावों की संख्या बहुत कम थी। बाद में जब धान की खेती का रकबा बढ़ा तब किसानों ने नये कुलावे अपने पैसे से अपनी जरूरत के अनुसार लगाए। सिंचाई विभाग के अधिकारी पुराने नक्शे को आधार बनाकर 6 इंच के कुलावे लगवा रहे हैं। कुलावे के आगे टंकी बनाना है फिर 15-20 फीट नाली पक्की बनाना है।
बहुत जगह ऐसे हैं जहां नाली बाद में बनी चकबंदी होने के बाद वहां भी विभाग कुलावे नहीं लगा रहा है। क्योंकि चकबंदी बाद में हुई 1975 में फाइनल हुई, जबकि सिंचाई विभाग का नक्शा उससे भी पुराना है। इसलिए दोनों में भारी अंतर है। जहां चकबंदी की नाली बाद में बनाई गई वहां पर किसानों ने कुलावे खुद लगाए लेकिन वह सिंचाई विभाग के नक्शे में नहीं है।
बटौवा फाल से नीचे खखड़ा तक नहर की तली बहुत नीचे है पानी नीचे नीचे चला जाता है कुलावे नहीं पकड़ते। करीब 4 किलोमीटर तक यह समस्या है।
काम की गति बहुत धीमी है। जून से बारिश का आगमन होगा। करीब 15 20 दिन का और समय है अगर ज्यादा काम नहीं हो पाया तो बहुत काम बाकी रह जाएंगे बारिश के चलते बाधित हो जाएंगे। फिर सिंचाई की समस्या और भारी हो जाएगी।
बेन रजवाहा और गोविंदपुर राजवाहा के किसानों को धान की नर्सरी के लिए जून में पानी नहीं चलेगा इसलिए की पक्का और कच्चा काम चल रहा है। इसलिए हम चाहते हैं कि जून तक सभी काम कर लिए जायें ताकि रोपाई के लिए तो नहर का पानी मिल सके।
नहर की पश्चिमी पटरी का डौला बनाने के लिए नदी की तरफ से लाल मिट्टी गिराई जा रही है। ट्रैक्टर द्वारा जो की बारिश में बहुत तेज बहती है। पश्चिमी पटरी पर रोड है पूर्वी पटरी पर भी मिट्टी का काम करना है ऊपर दो मीटर टॉप बनाना है। अभी तक मुश्किल से 20% काम हुआ है। छलकों की रिपेयरिंग और साइड वॉल सभी जीर्ण-शीर्ण अवस्था में हैं। काम की गति इतनी धीमी है की लगता है कि मुश्किल से आधा काम हो पाएगा । बरसात से पहले काम पूरा होने की कोई उम्मीद नहीं दिख रही है।
21 जून को जिला किसान दिवस कलेक्ट्रेट मीटिंग हॉल में किसान विकास मंच के कार्यकर्ता जिलाधिकारी से इसकी शिकायत करेंगे कि कार्य में खर्च कितनी धनराशि हुई और कैसे स्टीमेट है इसकी जानकारी सार्वजनिक की जाये।
शहाबगंज ब्लाक अंतर्गत गोविंदपुर रजवाहा को आदर्श नहर बनाने के लिए 3 करोड़ के लगभग बजट आवंटित हुआ है। बेन रजवाहा के लिए 5 करोड़ 60 लाख मिला है।
गोविंदपुर के ठेकेदार हैं वाराणसी के रहने वाले कोई मिश्राजी बताए जा रहे हैं। वहीं बेन रजवाहा का ठेकेदार अलीगढ़ निवासी शिव शक्ति कंस्ट्रक्शन से जुड़े लोग हैं। फिलहाल दोनों नहरों पर काम लगा हुआ है।
किसान नेता राम अवध सिंह ने संबंधित क्षेत्रों के किसानों से कहा है कि इलाके के लोगों को कार्यस्थल के मौके पर जाकर देखना चाहिए कि जो भी काम हो रहा है उसकी क्वालिटी क्या है और किस तरह का मसाला बनाकर काम हो रहा है। कितनी तराई की जा रही है और काम कितनी मजबूती के साथ हो रहा है। अगर आप इनका ध्यान नहीं रखेंगे तो ठेकेदार अपना काम किसी तरह करके चले जाएंगे और आपको घटिया काम का खामियाजा कई सालों तक भुगतना होगा।