चंदौली जिले में जाग जाएं भाजपा के नेता व कार्यकर्ता, नहीं तो हो रहा है सब कुछ फेल.....
 

राजनीत में ऐसा देखा जाता है कि अगर आपका समय अच्छा हो तो आपके हर एक पहल पर सकारात्मक प्रतिक्रिया आती है और हर एक काम का पॉजिटिव फीडबैक दिखाई देता है
 

फ्री राशन योजना में हो गया है खेल

योगी जी का पूरा प्लान हो जाएगा फेल

 जानते हैं क्या हुआ अबकी बार चंदौली जिले में  
 

राजनीत में ऐसा देखा जाता है कि अगर आपका समय अच्छा हो तो आपके हर एक पहल पर सकारात्मक प्रतिक्रिया आती है और हर एक काम का पॉजिटिव फीडबैक दिखाई देता है, लेकिन जब माहौल कुछ गड़बड़ होता है तो आपका अच्छा काम भी लोगों को समझ में नहीं आता और जाने अनजाने में अच्छे काम का भी नकारात्मक परिणाम दिखाई देने लगता है। कुछ ऐसा ही आजकल भारतीय जनता पार्टी की सरकार में बांटे जाने वाले फ्री राशन योजना के मामले में हो रहा है। सरकार ने तो अपने वोटरों को लुभाने के लिए निशुल्क राशन देने का प्लान बना लिया, लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों की लापरवाही की वजह से यह राशन अबकी बार इमानदारी से बट नहीं पाया है। चुनावी सीजन में विरोधी दल के लोग इसे मुद्दा बना रहे हैं और भाजपा सरकार की नाकामी में गिना रहे हैं।

चंदौली के भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सरकार की योजनाओं और कार्यक्रमों का गुणगान करने में इतना व्यस्त हैं कि उनको इस बात की तनिक भनक नहीं लग रही है कि सरकारी अधिकारी और कर्मचारी सरकार की मंशा के अनुरूप योजनाओं का लाभ देने में काफी हीला हवाली कर रहे हैं। इस के चक्कर में उनके वोट बैंक खिसकते जा रहे हैं।

आपको बता दें कि चंदौली जिले के अधिकारियों की लापरवाही का नतीजा यह है कि चंदौली जनपद के सैकड़ों गांव में फ्री राशन योजना का लाभ मिलने से कई लोग वंचित हो गए हैं, क्योंकि अंगूठा निशान लगाने के अभाव में लोगों को निशुल्क मिलने वाला राशन अबकी बार नहीं मिलेगा। यह हालत चंदौली जिले के हर एक गांव की है, जहां जाकर विधायक व सांसद प्रतिनिधि ही भाजपा के नेता व कार्यकर्ता जांच व पड़ताल कर सकते हैं। 4 जनवरी के बाद पोर्टल बंद होने के कारण अंगूठा नहीं नहीं लगा है और राशन कोटेदार के यहां डंप है। यह अगले माह नहीं मिलेगा। 

इस संदर्भ में कोटेदारों का कहना है कि राशन व तेल देर से मिला तो वहीं अधिकारियों का कहना है कि गोदाम से राशन देर से पहुंचा। जब पहुंचा तो कोटेदार को केवल एक से दो दिन का समय मिला। दो दिन में सारे लोगों को अंगूठा लगना या राशन बांटना असंभव था। 3 व 4 जनवरी को आधे अधूरे लोगों को बांटने के बाद जब वह पांच जनवरी को बांटना चाहते थे तो पोर्टल ही बंद हो गया है। ऐसे में वह कुछ नहीं कर सकते हैं, जो कुछ करेंगे साहब ही लोग करेंगे।

 आपको बता दें कि चंदौली जिले के आपूर्ति विभाग और एफसीआई गोदाम के कर्मचारियों की मिलीभगत या लापरवाही का नतीजा यह है कि जनपद के कई राशन की दुकानों पर निशुल्क बैठने वाला राशन केवल एक-दो दिन में बटकर बंद हो गया है। इसके चलते पात्र लाभार्थियों में काफी नाराजगी बढ़ती जा रही है। नाराज लोग कोटेदारों के यहां चक्कर लगा रहे हैं तथा ग्राम प्रधानों के यहां बैठकर पंचायत कर रहे हैं। इतना ही नहीं यह सारे लोग इस बात पर भी चर्चा कर रहे हैं कि चुनावी साल में भारतीय जनता पार्टी अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए लोगों को निशुल्क राशन के साथ-साथ चना, रिफाइंड आयल और नमक तो भेज रही है, लेकिन चंदौली जिले में तैनात अफसर और इससे संबंधित अधिकारियों के चक्कर में जनता को यह चीजें बट नहीं पा रही हैं।

 चंदौली समाचार ने भी इस बात की पुष्टि जब गांवों में की तो पता चला कि कई गांव में यह खेल खेला गया है। हर गांव में 200 से लेकर 400 तक लाभार्थी निशुल्क राशन लेने से वंचित रह गए हैं। ग्राम प्रधानों से जब आंकड़े व नाम छापने की बात कही गयी तो वह कहने लगे कि मेरा नाम छापेंगे तो साहब लोग नाराज हो जाएंगे और छापा मारने चले आएंगे। आप नाम मत लिखिए हर गांव में ऐसा हुआ है, जो चाहे वह आकर देख ले।

भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए यह एक कठिन चुनौती है कि वह अपना चुनाव प्रचार करने के दौरान सरकार की योजनाओं में इस तरह की हीला हवाली और लापरवाही पर भी कुछ करने की पहल करें। अगर वह अधिकारियों और कोटेदारों को बचाने के चक्कर में पड़ेंगे तो खुद कहीं के नहीं रहेंगे, क्योंकि अगर राशन रहने के बाद भी नहीं बंट रहा है और भाजपायी जानकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं तो इसका संदेश यही है कि पार्टी के नेता व कार्यकर्ता अफसरों के आगे मजबूर हैं और असली वोटर व जनता से दूर हैं।